Saturday, May 17, 2025
Homeदेश-समाजलद्दाख में सेना की बस फिसलकर 60 फीट नीचे श्योक नदी में गिरी, 7...

लद्दाख में सेना की बस फिसलकर 60 फीट नीचे श्योक नदी में गिरी, 7 जवान हुए बलिदान, 19 घायल: वीडियो आया सामने

एक स्थानीय व्यक्ति के द्वारा इसे रिकॉर्ड किया गया है। 18 सेकंड के इस वीडियो में देखा जा सकता है कि काफी ऊँचाई से गिरने के कारण बस के परखच्चे उड़ गए हैं।

लद्दाख के तुरतुक सेक्टर में सेना के जवानों को ले जाने वाली बस का का एक्सीडेंट हो गया है, जिसमें सात जवान वीरगति (Army Jawans Martyred In An Accident) को प्राप्त हो गए हैं। शुक्रवार (27 मई 2022) को ये हादसा सुबह के करीब 9 बजे लेह जिले के टुकटुक सेक्टर में थोइस से करीब 25 किलोमीटर दूर हुआ। जब बस सड़क से फिसलकर श्योक नदी में गिर गई।

इस घटना की पुष्टि करते हुए सेना के अधिकारियों ने कहा कि आर्मी के 26 जवानों का एक दल परतापुर ट्रांजिट कैंप से फारवर्ड पोस्ट सबसे सेक्टर हनीफ की ओर जा रहा था। इसी दौरान गाड़ी फिसली और बस सीधे 50-60 फीट की गहराई में नदी में गिर गई। इस हादसे में सभी जवान बुरी तरह से घायल हुए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, बचाव अभियान तेजी से चलाया जा रहा है। सभी घायलों को 403 फील्ड हॉस्पिटल परतापुर में भर्ती कराया गया है। इसके अलावा लेह से सर्जनों की टीम भी परतापुर के लिए रवाना हो गई है।

इस घटना का वीडियो भी सामने आ गया है। एएनआई के मुताबिक, एक स्थानीय व्यक्ति के द्वारा इसे रिकॉर्ड किया गया है। 18 सेकंड के इस वीडियो में देखा जा सकता है कि काफी ऊँचाई से गिरने के कारण बस के परखच्चे उड़ गए हैं। वहीं सेना के जवान लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं। सुरक्षा बलों ने इस वीडियो की पुष्टि कर दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, घायल हुए 19 जवानों को चाँदीपुर कमांड हॉस्पिटल में एयरलिफ्ट किया गया है।

सेना के एक अधिकारी ने पीटीआई के हवाले से बताया कि अब तक सात जवानों को बलिदानी घोषित किया जा चुका है। बाकी के सभी लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि घायलों को सर्वोत्तम इलाज दिया जाए। इसके तहत एयरफोर्स की मदद से हताहतों को पश्चिमी कमांड में ट्रांसफर किया किया गया है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

240 पुस्तकें, 50 रिसर्च पेपर… स्वामी रामभद्राचार्य को ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ क्यों? जो 500 सालों में नहीं हुआ वो भी कर दिखाया: संत नहीं, पुरस्कृत...

स्वामी रामभद्राचार्य को 'ज्ञानपीठ पुरस्कार' क्यों? ये लेख उनके लिए नहीं है जो सवाल पूछ रहे, उन आम लोगों के लिए है जो उस गिरोह के भ्रमजाल का निशाना हैं। जिनका पढ़ने-लिखने से कोई वास्ता ही नहीं, वो क्या समझेगा कि 2 महीने की उम्र में अपने नेत्र खोने वाला शिशु कालांतर में 240 पुस्तकें और 50 शोधपत्र प्रकाशित कर देगा।

अब इकोनमी ही नहीं, डिफेंस सेक्टर में भी ग्लोबल पॉवर बनकर उभरा है भारत: ऑपरेशन सिंदूर में दुनिया ने देखा दम, नई डिफेंस पॉलिसी...

‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की सैन्य शक्ति, रणनीतिक क्षमता और राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन था। जो खुद पहल कर के निर्णायक कार्रवाई करता है।
- विज्ञापन -