जो पूर्व सांसद सरकारी आवास खाली करने में आनाकानी कर रहे हैं, उनके घर में बिजली और पानी की सप्लाई काट दी जाएगी। कॉन्ग्रेस नेता आनंद शर्मा ने इसे 'मोदी की मनमानी' बताते हुए कहा कि पूर्व सांसदों को क्लर्क से भी कम वेतन मिलता है।
नामग्याल ने कहा कि विपक्ष के लोग सिर्फ़ एक रोड और छोटे से मार्केट को कारगिल समझ बैठे हैं। अगर असली करगिल देखना है तो ज़न्स्कार, वाखा, मुलबेक, शर्गोल, आर्यन घाटी आदि जगहों पर जाना चाहिए। उन्होंने कहा की 70% भू-भाग के लोग निर्णय का स्वागत करते हैं।
लोकसभा में अमित शाह की ओर से लाया गया संकल्प स्वीकार किया गया है। इसके पक्ष में 370 और विपक्ष में 70 वोट पड़े हैं। एक सांसद ने अपना मत नहीं डाला, जबकि कुल 441 सदस्यों ने वोटिंग में हिस्सा लिया है। इसके साथ ही लोकसभा से भी जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल 2019 पास हो गया है।
भाजपा की ओर से लोक सभा में मोर्चा संभालने वालों में से एक थे लद्दाख के सांसद जाम्यांग त्सेरिंग नामग्याल, जिन्होंने राज्य के विभाजन के समर्थन में लद्दाख का पक्ष रखा।
लोकसभा में कॉन्ग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी के विवादस्पद बयानों की झड़ी लगी हुई है। कश्मीर को UN का मसला बताने के बाद अब वह केंद्र सरकार पर POK (पाक-अधिकृत, गुलाम कश्मीर) से पल्ला झाड़ लेने का आरोप लगाते पाए जा रहे हैं।
विपक्ष की पहली कतार में मुलायम सिंह यादव, सोनिया गाँधी, सुदीप बंदोपाध्याय और माहताब जैसे नेताओं को जगह मिली है। दूसरी कतार में फारूक़ अब्दुल्ला, सुप्रिया सुले, अखिलेश यादव, व अन्य नेता नजर आएँगे।
विपक्षी दलों की बात की जाए तो लोकसभा में कॉन्ग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, डीएमके लीडर टीआर बालू को भी पहली कतार में स्थान दिया गया है। जेडीयू, तृणमूल कांग्रेस और वाईएसआर कांग्रेस के कुछ सदस्यों को भी प्रथम पंक्ति में जगह मिली है।
जावेद अख्तर ने ट्वीट कर कहा है, "मेरा मानना है कि स्पीकर की कुर्सी पर बैठीं सांसद के लिए आजम खान के शब्द पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं। यह अभद्र और असभ्य था। सदन के स्पीकर उन्हें ऐसा सबक सिखाएँ जिसे वह भूल न सकें।"
एसडीएम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि जौहर यूनिवर्सिटी की 140 बीघा जमीन के पट्टे को रद्द किया जाता है। कोर्ट ने माना कि यह कोसी नदी की रेतीली जमीन है, जो कि सार्वजनिक है। इस जमीन को गलत तरीके से लीज पर लिया गया था।
तजीन का कहना है कि आज़म खान को साजिश के तहत फँसाया जा रहा है। वो एक अच्छे वक्ता हैं। फातिमा ने कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं बोला है, जिसको लेकर उनके ऊपर ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं। उर्दू भाषा में ऐसी मिठास है, जिसकी वजह से ऐसा लग रहा है।