एबीसी न्यूज ने अवनी दास के फेक न्यूज पर सफाई देते हुए कहा कि 'नरेंद्र मोदी पर बने डॉक्यूमेंट्री, जिसे 5 जून को पब्लिश किया गया था, उसमें 'भारत के मूल संविधान में सेकुलर' होने का दावा गलत था।'
पाकिस्तान में संविधान को ताक पर रखकर बिना राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के ही कानून बना दिया गया है। वहाँ के राष्ट्रपति भी हैरान हैं। कर्मचारी उनकी बात नहीं सुन रहे।
विमर्शों का कोई अंतिम या लिखित निष्कर्ष निकले यह आवश्यक नहीं पर विमर्श हो यह आवश्यक है क्योंकि वर्तमान काल भारतीय संवैधानिक लोकतंत्र की यात्रा के मूल्यांकन का काल है।
मुस्लिम समाज औरों से धर्म निरपेक्षता की उम्मीद करता है पर खुद धर्मनिरपेक्ष होने के लिए तैयार नहीं है। बोर्ड के प्रस्ताव में केवल मुस्लिम समाज के ईशों की निंदा की बात की गई है।