कश्मीर में सेना के सफल प्रयास से ही हिज़्बुल मुज़ाहिद्दीन का गढ़ माने जाने वाला ज़िला बारामूला को अब आतंक-मुक्त घोषित कर दिया गया है। सेना और पुलिस की इस क़ामयाबी पर पूरे देश को गर्व होना चाहिए।
अपने बयान में राज्यपाल ने कहा कि कश्मीर में एक भी जान जाती है चाहे वो आतंकी ही क्यों न हो मुझे दर्द होता है। यही वजह है कि आतंकियों को मुख्यधारा से जुड़ने का मौका दिया जाएगा।
जिस कश्मीर घाटी में नौजवान पत्थरबाजी करके अपनी जिंदगी को बर्बाद कर रहे हैं, उसी कश्मीर घाटी के युवाओं के लिए देशभक्त अशोक चक्र विजेता शहीद नज़ीर एक उदाहरण बन सकते हैं।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने मीडिया को इसकी जानकारी दी है। सरकार का यह फ़ैसला बलिदानी सैनिकों की लाखों विधवाओं के लिए लाभकारी साबित होगा।