Saturday, April 27, 2024
Homeबड़ी ख़बररोते-रोते महिला ने कहा... भारतीय सेना नहीं होती तो हम में से कोई नहीं...

रोते-रोते महिला ने कहा… भारतीय सेना नहीं होती तो हम में से कोई नहीं बच पाता!

“हम अक्सर पूछते थे कि सेना काम क्या करती है, आज मैंने देखा कि आखिर में सेना करती क्या है।"

देश की सेना पर हमेशा सवाल उठाने वाले लोग भूल जाते हैं कि वो अगर देश में रहकर सुरक्षित हैं तो इसका मतलब है कि सीमा पर तैनात ज़वान उनके लिए दिन-रात जाग रहा है।

एक तरफ़ जब लोग साल 2019 के आने की तैयारी कर रहे थे, तो उसी समय भारतीय सेना नाथुला पास में करीब 3,000 जिंदगियों को बचाने का प्रयास कर रही थी।

भारी बर्फबारी के कारण लगभग 3,000 टूरिस्ट 28 दिसंबर 2018 को सिक्किम के नाथुला पास में फँस गए थे। रिपोर्ट के अनुसार, करीब 300 से 400 गाड़ियाँ बर्फबारी के कारण फँस गई थी। इस वज़ह से पर्यटकों का वहाँ से निकलना मुश्किल था। फँसे हुए इन लोगों में महिला, बच्चे और बुजुर्ग भी थे।

ऐसी स्थिति में भारतीय सेना के जवान फँसे हुए लोगों का बचाव करने वहाँ पहुँचे। उन्होंने मुश्किल भरे हालातों का सामना करके सभी लोगों की जान बचाई। उनकी इस बहादुरी का सबूत सोशल मीडिया पर भी अपलोड किया गया है।

ट्विटर पर शेयर किए गए इस वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह एक महिला पर्यटक रोते-रोते भारतीय सेना का शुक्रिया अदा कर रही है। ये अंजान महिला इस वीडियो में कहते हुए नज़र आ रही हैं कि अगर ये खुद या बाकी के अन्य पर्यटक जिंदा हैं, तो सिर्फ और सिर्फ भारतीय सेना की वज़ह से ही जिंदा हैं।

महिला ने कहा, “हम अक्सर पूछते थे कि सेना काम क्या करती है, आज मैंने देखा कि आखिर में सेना करती क्या है।”

इस वीडियो पर ट्विटर के बहुत सारे यूजर्स ने भारतीय सेना को बधाई दी और भारतीय सेना के सहयोग के लिए उनका आभार भी व्यक्त किया।

बता दें कि पर्यटकों को बचाने के बाद सेना के जवानों ने उन्हें गर्म कपड़े भी उपलब्ध कराए। साथ ही उन्हें रहने के लिए आर्मी क्वॉटर में जगह भी दिया। इसके बाद सेना ने बर्फबारी से जाम हुई रोड को साफ करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।

ये सिर्फ एक घटना नहीं हैं, जहाँ सेना ने आम नागरिकों को संकट से निकाला हो। केदारनाथ में आई आपदा से लेकर केरल आपदा तक में वो सेना के जवान ही थे, जो हर परिस्थिति से लड़कर वहाँ आपदा पीड़ितों को सुविधा मुहैया कराई।

हम देखते हैं कि आए दिन कुछ बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों द्वारा सेना पर सवाल उठाए जाते हैं। उनकी आलोचना की जाती है। उन्हें कठोर, निष्ठुर कहकर दरकिनार कर दिया जाता है। लेकिन, हम भूल जाते हैं कि सैनिक होने का मतलब क्या है। यह एक जिम्मेदारी है, जिसमें सेना का हर जवान, हर परस्थिति में अपनी जान गंवा कर भी देश को और देश के नागरिकों को बचाने का प्रण लेता है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

लोकसभा चुनाव 2024: बंगाल में हिंसा के बीच देश भर में दूसरे चरण का मतदान संपन्न, 61%+ वोटिंग, नॉर्थ ईस्ट में सर्वाधिक डाले गए...

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के 102 गाँवों में पहली बार लोकसभा के लिए मतदान हुआ।

‘इस्लाम में दूसरे का अंग लेना जायज, लेकिन अंगदान हराम’: पाकिस्तानी लड़की के भारत में दिल प्रत्यारोपण पर उठ रहे सवाल, ‘काफिर किडनी’ पर...

पाकिस्तानी लड़की को इतनी जल्दी प्रत्यारोपित करने के लिए दिल मिल जाने पर सोशल मीडिया यूजर ने हैरानी जताते हुए सवाल उठाया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe