15 सितंबर 2019 को अराफात बच्ची को टॉफ़ी दिलाने के बहाने अपने घर ले गया था। वहाँ ले जाकर उसने बच्ची का बलात्कार किया और फिर उसके गले में चाकू घोंपा। इतने पर भी उसकी दरिंदगी ख़त्म नहीं हुई। उसने बच्ची का गला दबाया, जिससे वो निश्चिंत हो सके कि वो सच में मर गई है।
सोहेल ने बताया कि हत्या के बाद शव ठिकाने लगाने का उसे कोई रास्ता नहीं दिख रहा था। फिर क्राइम आधारित टीवी शो देख उसे शव को टुकड़े-टुकड़े कर फेंकने का विचार आया। अम्मी की लाश के उसने टुकड़े किए और उन्हें अलग-अलग स्थानों पर फेंक दिया।
नलगोंडा पुलिस ने हत्या के मामले में जून में 1600 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी। इसमें प्रणय की हत्या करने की योजना के पूरे घटनाक्रम को बताया गया था। लेकिन, इस मामले में कोई मुक़दमा शुरू नहीं हुआ।
तीनों आतंकी आपस में बातचीत करने के लिए ऐसे ऐप का इस्तेमाल करते थे, जिसमें कम्युनिकेशन खत्म होते ही टेक्स्ट अपने-आप डिलीट हो जाते थे। इन्हें शहर की दीवारों पर लगे पोस्टरों से बड़े नेताओं की जानकारी जुटानी थी।
शाहिद ने आरती को अपने घर पर बुलाया। किसी बात को लेकर दोनों के बीच बहस हो गई। इसके बाद शाहिद ने युवती का गला काट दिया। बताया जाता है कि दोनों दोनों लिव-इन रिलेशनशिप में भी रह चुके थे।
बीवी और कॉलेज जाने वाले 2 बच्चे। सब-इंस्पेक्टर विल्सन का यही परिवार था। लेकिन उन्हें पूरी प्लानिंग के तहत मार डाला गया। क्यों? क्योंकि शमीम और तौफिक गुस्सा में थे। गुस्सा इसलिए कि उनके आतंकी दोस्तों को गिरफ्तार क्यों किया गया! बदला लेने के लिए दोनों ने साजिश रची और...
रंगदारी नहीं देने पर तीन भाइयों को एक जगह लाया गया। इनमें से राजीव को रस्सी से बाँध दिया जबकि सतीश और गिरीश के ऊपर तेज़ाब से भरी बाल्टी उड़ेल दी गई। राजीव को आँखें खोल कर दोनों भाई को तेज़ाब से जलकर मरते देखने की धमकी दी गई। इसके बाद...
मृतका के परिजन भाजपा से जुड़े हैं। उसका शव स्थानीय लोगों ने एक पुलिए के नीचे देखा। शव को जानवरों ने नोंच डाला था। रेप के बाद धारदार हथियार से हत्या कर शव जलाए जाने की आशंका जताई जा रही है।
आजमगढ़ की सीता से शाहनवाज की दोस्ती सोशल साइट के जरिए हुई। निकाह के बाद दोनों कानपुर आ गए। एक दिन ससुराल ले जाने के बहाने वह सीता को लेकर निकला और फिर झाड़ियों से दुल्हन के जोड़े में लाश मिली।
"आज मुझे अपने भाई की लाश उठानी पड़ रही है। कल को मेरे और भी हिन्दू, सिख और ईसाई भाइयों को इस स्थिति से गुजरना पड़ सकता है। पाकिस्तान दुनिया भर में ढिंढोरा पीटता है कि यहाँ अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं। लेकिन हमारी हालत देखिए, हम रोते-बिलखते आपके सामने खड़े हैं।"