प्रदर्शनकारियों में से निकली भीड़ ने घटनास्थल यानी सेमीनार हाल में तोड़फोड़ की कोशिश की, लेकिन जब वो तीसरी मंजिल पर पहुँचने में सफल नहीं हुए, तो उन्होंने दूसरे फ्लोर को बर्बाद कर डाला।
पीड़ित परिवार ने कहा कि उन्हें अस्पताल के बाहर ही रोके रखा गया और सिर्फ पिता को ही तीन घंटे बाद अंदर ले जाया गया, जहाँ उन्हें एक सिर्फ तस्वीर ही खींचने दी गई।
रिपोर्ट में कहा गया है, "उसकी दोनों आँखों और मुँह से खून बह रहा था, चेहरे और नाखून पर चोटें थीं। पीड़िता के निजी अंगों से भी खून बह रहा था। उसके पेट, बाएँ पैर…गर्दन, दाएँ हाथ और…होंठों पर भी चोटें थीं।"
अपनी बहन का हत्यारा हसीन दो बच्चों का बाप है। वह अपने भाई-बहनों में सबसे बड़ा है। हसीन ने जिस अमरीशा की हत्या की, वह सबसे छोटी थी। यह सभी मिलकर 8 भाई-बहन हैं।