Thursday, March 27, 2025
Homeदेश-समाजकौन हैं संदीप घोष, जिसे ममता बनर्जी के स्वास्थ्य मंत्रालय में बनाया OSD: जानें...

कौन हैं संदीप घोष, जिसे ममता बनर्जी के स्वास्थ्य मंत्रालय में बनाया OSD: जानें कैसे 16वें नंबर पर होने के बावजूद बना था RG कर मेडिकल कॉलेज का प्रिंसिपल

आंदोलनकारी छात्रों ने सवाल किया है कि आखिर सरकार ने संदीप घोष को बर्खास्त क्यों नहीं किया, जबकि उनके खिलाफ लगातार आरोप लग रहे हैं। क्या वह इतने प्रभावशाली हैं कि सरकार उनके खिलाफ कदम नहीं उठा पा रही है?

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पूछताछ कर रही है। इसी मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ रेप-हत्या के बाद संदीप घोष को इस्तीफा देना देना पड़ा था, लेकिन तुरंत उन्हें कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का प्रिंसिपल नियुक्त कर दिया गया। इस पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने फटकार लगाई और छुट्टी पर भेजने के लिए कहा, तो अब ममता सरकार ने संदीप घोष को स्वास्थ्य मंत्रालय में बुलाकर ओएसडी ही बना दिया है।

खास बात ये है कि संदीप घोष जैसे दागी व्यक्ति को न सिर्फ एक से बढ़कर एक महत्वपूर्ण जगहों पर तैनात किया जा रहा है, बल्कि उसके कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का प्रिंसिपल बनने के पीछे भी एक बड़ी जानकारी सामने आई है कि वो मेरिट लिस्ट में 16वें नंबर पर होने के बावजूद कैसे कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का प्रिंसिपल बनने में कामयाब रहा। यही नहीं, उस पर कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में तमाम अनियिमतताओं का भी आरोप है।

ममता बनर्जी ने डॉ संदीप घोष को बनाया ओएसडी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुधवार (21 अगस्त 2024) को जारी अधिसूचना में डॉ संदीप घोष को पश्चिम बंगाल सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय में ओएसडी नियुक्त किया गया है।

डॉ संदीप घोष के हटाने की खबर के बीच ही फिर खबर आई है कि संदीप घोष को संदीप घोष को ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी बनाया गया है। आंदोलनकारी छात्रों ने सवाल किया है कि आखिर सरकार ने संदीप घोष को बर्खास्त क्यों नहीं किया, जबकि उनके खिलाफ लगातार आरोप लग रहे हैं। क्या वह इतने प्रभावशाली हैं कि सरकार उनके खिलाफ कदम नहीं उठा पा रही है?

कौन हैं संदीप घोष?

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, संदीप घोष ने अपनी स्कूली शिक्षा कोलकाता के पास बोंगांव हाई स्कूल से पूरी की थी। मेडिकल और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा में सफलता हासिल करने के बाद उन्होंने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई की। डॉ. घोष ने 1994 में एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की और एक आर्थोपेडिक सर्जन बने। साल 2021 में वो आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिसिंपल बने। इससे पहले, उन्होंने कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज में उप-प्रिंसिपल के रूप में कार्य किया था।

हालाँकि संदीप घोष के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का प्रिसिंपल बनने के पीछे अलग कहानी नजर आ रही है। आजतक के मुताबिक, जब प्रिसिंपल के पद को लेकर इंटरव्यू चल रहे थे, तो संदीप घोष का नाम 16वें स्थान पर था। लेकिन रातोंरात वो सभी कैंडिडेट्स को पीछे छोड़कर लिस्ट में टॉप पर पहुँच गए और प्रिंसिपल के पद पर नियुक्त हो गए।

बायोमेडिकल वेस्ट और मेडिकल सामानों की तस्करी बाँग्लादेश तक

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार संदीप घोष को लेकर मेडिकल कॉलेज के पूर्व डिप्टी सुप्रीटेंडेंट अख्तर अली ने दावा किया कि संदीप घोष तो अस्पताल से बायोमेडिकल वेस्ट और मेडिकल सप्लाई की तस्करी बांग्लादेश में भी करते थे। अख्तर अली का दावा है कि साल 2023 में उन्होंने इस बात की चिंता राज्य सतर्कता आयोग के समक्ष उठाई थी। जाँच में वह दोषी भी पाए गए लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।

बीवी को बेरहमी से पीटा, पड़ोसी आज तक नहीं भूले

इंडिया टुडे की एक अन्य मीडिया रिपोर्ट बताती है कि आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल अपनी पत्नी को बेरहमी से मारने के कारण भी बदनाम हो चुके हैं। रिपोर्ट के अनुसार संदीप घोष पहले बारासाट में रहते थे। वहीं के पड़ोसी ने इंडिया टुडे को बताया कि कैसे 12 साल पहले जब संदीप ने अपनी पत्नी को उस समय बुरी तरह पीटा था जब उसकी सिजेरियन हुए 14 दिन ही हुए थे।

रिपोर्ट में खुद को संदीप का पूर्व पड़ोसी बताने वाला शख्स कहता है, “एक बार मेरे और घोष के बीच बहस हुई थी। उनका व्यवहार हमेशा खराब रहता था। बाद में मुझे पता चला कि वह एक डॉक्टर थे। यहाँ रहने के दौरान एक घटना हुई जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी को इतनी बुरी तरह पीटा कि उनके सिजेरियन टांके फट गए और उन्हें खून बहने लगा। शुरुआत में स्थानीय लोगों ने हस्तक्षेप नहीं किया क्योंकि इसे पारिवारिक मामला माना गया, लेकिन जब मामला बहुत गंभीर हो गया तो सभी ने विरोध करना शुरू कर दिया।”

गौरतलब है कि आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर के रेप और हत्या के मामले में घोष को 12 अगस्त को रिजाइन देना पड़ा था। बाद में सीबीआई ने उनसे पूछताछ शुरू की और संदीप से जुड़े विवाद सामने आते रहे। बांग्लादेश में तस्करी, बीवी से मारपीट के अलावा संदीप घोष पर जून 2023 में भ्रष्टाचार का आरोप लगा था। उस समय उन्हें वित्तीय गड़बड़ी के आरोप में मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज ट्रांसफर किया गया था। हालाँकि बाद में दोबारा उनका आरजी कर अस्पताल में कार्यभार मिल गया।

अस्पताल में हुई रहस्यमयी मौतें, देह व्यापार का भी दावा

बता दें कि जिस तरह आरजी कर अस्पताल के प्रिंसिपल का नाम पहली बार विवादों से नहीं जुड़ा, उसी तरह इस अस्पताल का नाम भी विवादों में पहली बार नहीं आया है। कहा जा रहा है कि इस अस्पताल मेंपहले भी रहस्यमयी मौते हुई हैं। कभी यहाँ मेडिकल प्रोफेशनल मारे गए तो कभी प्रोफेसर और कभी हाउस स्टाफ।

  1. 25 अगस्त, 2001 को ऐसी एक घटना हुई थी जब चौथे वर्ष के छात्र सौमित्र विश्वास को छात्रावास के कमरे में ही फंदे से मृत लटका हुआ पाया गया था। उनकी मौत को भी प्रशासन ने आत्महत्या बताया था, लेकिन तब भी हॉस्टल में अश्लील फिल्मों के निर्माण की बात उड़ी थी। अरोमिता दास और अमित बाला नामक उसके 2 सहपाठियों की गिरफ़्तारी के बावजूद ये मामला अनसुलझा रहा, जबकि कलकत्ता हाईकोर्ट ने CID जाँच का आदेश दिया था।
  2. 5 फरवरी, 2003 को अरिजीत दत्ता नामक हाउस स्टाफ ने आत्महत्या की थी। बताया गया कि उसने पहले खुद को हाथ में एनेस्थीसिया का इंजेक्शन दिया, फिर कलाई की नस काट ली और फिर छत से कूद गया। वो बीरभूम के सिउरी के रहने वाले थे। न कोई सुसाइड नोट मिला, न आत्महत्या का कारण पता चला।
  3. घटना के कुछ ही दिन बाद 16 फरवरी को प्रवीण गुप्ता ने आत्महत्या का प्रयास किया। हरियाणा के प्रवीण मानिकतल्ला स्थित लालमोहन हॉस्टल में रहते थे, उन्होंने अपनी दोनों कलाई की नस काटने का प्रयास किया था। प्रवीण के पिता ने बेटे के किसी बात से परेशान होने की बात कही थी, वहीं पुलिस ने प्रेम-प्रसंग बता कर कहा कि उसने अपनी प्रेमिका को सुसाइड नोट भेजा था। हालाँकि, उसके साथियों ने उसे कभी अवसादग्रस्त नहीं पाया।
  4. 24 अक्टूबर, 2016 को 52 वर्षीय मेडिसिन के प्रोफेसर गौतम पाल का सड़ा-गला शव दक्षिणी दमदम स्थित उनके किराए के घर से बरामद हुआ था। दरवाजा अंदर से बंद था तो हार्ट अटैक से अचानक मौत की बात कह पुलिस ने पल्ला झाड़ लिया।
  5. कोरोना महामारी के दौरान स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की छात्रा पौलमी साहा की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई थी। पुलिस ने अस्पताल की छठी मंजिल से कूद कर आत्महत्या की बात कही, सहपाठियों ने उसके अवसाद में होने की बात कही थी। आज तक ये भी रहस्य है।

इन रहस्यमयी मौतों के अलावा इस अस्पताल में देह-व्यापार का धंधा चलने से लेकर यहाँ ड्रग्स तस्करों तक के सक्रिय रहने की बातें होती रही हैं… अब इन बातों की सच्चाई क्या है जाहिर सी बात है ये जाँच के बाद ही सामने आ पाएगा, लेकिन सवाल तो उठता है कि अगर एक राज्य में किसी अस्पताल से जुड़ी इतनी गड़बड़ घोटालों को लेकर खुलासे हो रहे हैं तो फिर जाँच क्यों नहीं हुई। क्यों संदीप घोष को मुर्शिदाबाद से दोबारा आरजीकर अस्पताल में अपनी नौकरी वापस मिल गई, क्यों बार-बार ट्रांसफर होते-होते रह गया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जो नेहरू से लेकर मनमोहन तक नहीं कर पाए, वो मोदी सरकार में हुआ मुमकिन: अप्रैल में पूरे भारत से रेल के जरिए जुड़...

सबसे पहले ट्रेन कटरा से श्रीनगर के बीच चलेगी। हालाँकि, जल्द ही ट्रेन जम्मू और श्रीनगर के बीच भी चलेगी। इसके लिए जम्मू स्टेशन पर विस्तारीकरण का काम चल रहा है।

कोई सिगरेट धूक रहा, कोई टॉयलेट में बैठकर तो कोई बेड पर लेटकर जज के सामने हो रहा पेश: दिल्ली से गुजरात तक ऑनलाइन...

ऑनलाइन सुनवाई के दौरान दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने कैमरे के सामने ही सिगरेट पीने पर उससे स्पष्टीकरण माँगा है।
- विज्ञापन -