भारत में 10 साल तक छिपा रहा नूर मोहम्मद उर्फ अब्दुल हक तालिबान में शामिल हो चुका है। मीडिया रिपोर्टों में वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से इसकी आशंका जताई गई है।
असम के अलावा हिंदू आईटी सेल की ओर से इस मामले पर एक शिकायत गुजरात में भी की गई है। समूह का कहना है कि वो अपने धर्म के विरुद्ध ऐसी कोई नफरत बर्दाश्त नहीं करेंगे।
सपा के सांसद हों या ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता या फिर देवबंद के मुफ्ती अथवा मंत्री रहे मौलाना, सब के सब तालिबान की खुलकर प्रशंसा करने में लगे हैं।