Friday, March 28, 2025
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयनूर मोहम्मद 10 साल नागपुर में छिपा रहा, जून में गिरफ्तार कर अफगानिस्तान भेजा...

नूर मोहम्मद 10 साल नागपुर में छिपा रहा, जून में गिरफ्तार कर अफगानिस्तान भेजा गया: अब हथियार लहरा रहा

"वापस भेजे जाने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि वह तालिबान में शामिल हो गया है और बंदूक पकड़े उसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई है।"

भारत में 10 साल तक छिपा रहा नूर मोहम्मद उर्फ अब्दुल हक तालिबान में शामिल हो चुका है। मीडिया रिपोर्टों में वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से इसकी आशंका जताई गई है। इसी साल गिरफ्तार करने के बाद उसे अफगानिस्तान भेज दिया गया था। अब सोशल मीडिया में हथियार के साथ उसकी तस्वीर वायरल हो रही है।

रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस अधिकारी ने बताया, “30 वर्षीय नूर मोहम्मद उर्फ अब्दुल हक नागपुर के दिघोरी में किराए के कमरे में 10 साल से रह रहा था। इस मामले की जानकारी मिलने के बाद खुफिया तरीके से उसकी हर गतिविधि पर पहले नजर रखी गई और बाद में 23 जून 2021 को उसे गिरफ्तार कर वापस अफगानिस्तान भेज दिया गया।” उन्होंने कहा, “वापस भेजे जाने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि वह तालिबान में शामिल हो गया है और बंदूक पकड़े उसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई है।”

नूर मोहम्मद साल 2010 में छह महीने के टूरिस्ट वीजा पर नागपुर आया था। भारत आने के बाद उसने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में अपने लिए शरणार्थी का दर्जा माँगने के लिए आवेदन किया था, लेकिन उसका आवेदन खारिज कर दिया गया था। बावजूद इसके वह नागपुर में अवैध तरीके से रह रहा था।

सुरक्षा एजेंसियों ने जून में नूर मोहम्मद के तालिबानी समर्थक होने का दावा किया था। उसके सोशल मीडिया पोस्ट में अफगानिस्तान स्थित कट्टरपंथी संगठन को खुला समर्थन दिया जा रहा था। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि नूर मोहम्मद का असली नाम अब्दुल हक है और उसका भाई तालिबान के साथ काम करता था। पिछले साल नूर ने धारदार हथियार के साथ सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया था। पुलिस ने जब उसे पकड़ा तो पता चला था कि उसके बाएँ कंधे के पास गोली लगने का भी घाव था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

दावा 20000 कमरों का, मिले 7000 ही: दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने बताया- किचन-टॉयलेट को भी क्लासरूम में गिनती थी केजरीवाल सरकार, ₹49 लाख...

केजरीवाल की सरकार के दौरान देशभक्ति करिकुलम पर ₹49 लाख खर्च किए गए और इसके प्रचार पर ₹11 करोड़ से अधिक खर्च कर दिए गए।

ST की कुलदेवी को हटाकर बनाया ‘माता मरियम का मंदिर’, अकेले तापी में बन गए 1500 चर्च: दक्षिण गुजरात में ईसाई धर्मांतरण से हिंदू...

कार्यकर्ता ने पूछा, "हम वनवासी हैं, तो हमारे इलाके में ईसाई जनसभा और बड़े कार्यक्रमों की क्या ज़रूरत है? अलग-अलग राज्यों से ईसाई पादरी, प्रचारक और बड़े लोग सिर्फ़ यहीं सभा करने क्यों आते हैं?"
- विज्ञापन -