सरकार द्वारा भ्रष्टाचार की लड़ाई में सरकार कथित तौर से दो दलालों, राजीव दीक्षित और मिशेल क्रिश्चियन को भारत लेकर आई है। जिसमें से राजीव ईडी की हिरासत में हैं।
अगर प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ईमानदार हैं, अगर वे शासन में ईमानदार कार्यप्रणाली को लागू करते हैं, तो ऐसे में भारत को धोखा देने वाला कोई भी व्यक्ति कहीं भी बचकर नहीं जा सकता।
राजीव सक्सेना वो शख़्स है, जो स्विट्ज़रलैंड में अलग-अलग बैंक एकाउंट्स को चलाता है। इन बैंक अकाउंट्स में अगस्ता वेस्टलैंड से आई किक बैक्स की रकम डाली गई थी।
ईडी के अनुसार, सक्सेना, उसकी पत्नी और दुबई स्थित उसकी दो फर्मों ने धन शोधन किया है। सक्सेना और तलवार को पटियाला कोर्ट में पेश करने की तैयारी की जा रही है।
प्रधानमंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, “अगस्ता वेस्टलैंड के मामले में आरोपित बिचौलिया मिशेल को रक्षा मामले में कैबिनेट की मीटिंग और रक्षा से जुड़े सरकार की गुप्त फ़ाइलों के बारे में कैसे पता चल जाता था।”
सरकार के पक्ष को सुनने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय की याचिका को स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख़ 28 फ़रवरी तय कर दी है।
सीबीआई ने एक महत्वपूर्ण फैक्स मैसेज का पता लगाने में कामयाबी हासिल की है जिसे से यह पता चलता है कि बिचौलिए मिशेल ने इस हैलिकॉप्टर खरीद घोटाले के दौरान पूरी संप्रग कैबिनेट को अपने इशारों पर नचाने की कोशिश की थी।