अमूमन देखने को मिलता है कि 'आंदोलनों' के समर्थन में नौकरी छोड़ने वाले अफसर या तो करप्शन के आरोपित हैं या फिर कुछ दिन बाद उनका पॉलिटिकल एजेंडा सामने आ जाता है।
इतिहास में पहली बार पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थी, गोरखा और वाल्मीकि समुदाय के लोग भी मतदान कर सकेंगे। अभी तक ये अभागे और उपेक्षित समुदाय राज्य के चुनावों में मतदान के अपने लोकतान्त्रिक अधिकार से वंचित रहे हैं।
जम्मू कश्मीर की स्थानीय पार्टियों का भारत-विरोधी रुख तो जगजाहिर है, लेकिन अब कॉन्ग्रेस पार्टी भी फ़ारूक़ अब्दुल्लाह और महबूबा मुफ़्ती जैसे नेताओं के सुर में सुर मिला रही है।
जम्मू-कश्मीर में अब देश का कोई भी व्यक्ति जमीन खरीद सकता है और वहाँ पर बस सकता है। गृह मंत्रालय द्वारा मंगलवार को इसके तहत नया नोटिफिकेशन जारी किया गया है।