महरंग भी अपने प्रान्त बलूचिस्तान के लोगों के हकों के लिए एक दशक से ज्यादा समय से लड़ रही हैं। इस लड़ाई में वो अपने अब्बा को खो चुकी हैं और भाई के अचानक गायब होने के दर्द को जानती हैं।
बलूचिस्तान पर पाकिस्तान के कब्जे के आठवें दशक में एक बार फिर से बलूचियों ने सर उठाया है। बलूचिस्तान के विद्रोहियों ने पाकिस्तान से खुलकर टक्कर लेना शुरू कर दिया है।
पाकिस्तान में बलोच समुदाय समुदाय ने फौज के अत्याचारों और दमन के खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन किया। उन्होंने ईद के दिन त्यौहार मनाने की जगह अगवा किए गए अपने लोगों को लौटाने की माँग को लेकर सड़कों पर जबरदस्त प्रदर्शन किया।