Sunday, September 1, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयपाकिस्तान के दूसरे सबसे बड़े नौसेना एयरबेस पर हथगोलों से हमला, बलूच लिबरेशन आर्मी...

पाकिस्तान के दूसरे सबसे बड़े नौसेना एयरबेस पर हथगोलों से हमला, बलूच लिबरेशन आर्मी ने ली जिम्मेदारी: 5 महीने के अंदर दूसरा अटैक, एक ऑडियो भी वायरल

अटैक के बाद पाकिस्तानी नौसेना ने भी जवाबी कार्रवाई की और 4 हमलावर मारे गए। हालाँकि पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस ने इस पर अभी बयान जारी नहीं किया। लेकिन हमले की जिम्मेदारी बीएलए ने ले ली है।

पाकिस्तान के तुर्बत स्थित दूसरे सबसे बड़े नेवल एयरबेस PNS सिद्दीकी पर हमला हुआ है। हमले के पीछे बलोच लिबरेशन आर्मी (BLA) का हाथ सामने आया है। मीडिया में आई जानकारी बता रही है कि हमले में ऑटोमैटिक हथियारों और हथगोलों का इस्तेमाल हुआ। अटैक के बाद नौसेना ने भी जवाबी कार्रवाई की और 4 हमलावर मारे गए। कथिततौर पर कुल हमलावर 6 थे जिनमें 2 मौके से भाग निकले।

बता दें कि पाकिस्तान के सुरक्षा अधिकारियों ने इस संबंध में जानकारी दी कि तुर्बत एयरपोर्ट की सीमा में हमलावर आए थे। फौज की कार्रवाई में उन्हें मार गिराया गया। घायलों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। वहीं सोशल मीडिया पर प्रसारित एक नोटिस के अनुसार हमले की जिम्मेदारी बीएलए ने ले ली है। उन्होंने बताया है कि समूह की आत्मघाती यूनिट मजीद ब्रिगेड के लड़ाकों ने एयरबेस पर अटैक किया।

एक ऑडियो भी सामने आई है जिसमें दावा किया जा रहा है कि मजीद ब्रिगेद के हमलावर कह रहे हैं- “हम पाकिस्तान के नेवल एयरबेस में घुसकर गए हैं और अपनी-अपनी पोजिशन भी हमने ले ली है। पाकिस्तान के खिलाफ जंग जारी है।”

मालूम हो कि पिछले कुछ वक्त में पाकिस्तानी सेना पर कई हमले हुए हैं। 20 मार्च को 8 हमलावरों ने ग्वादर में एक बिल्डिंग पर हमला करके दो सुरक्षाकर्मियों कौ मौत के घाट उतार दिया था। उससे पहले भी ग्वादर में भी गाड़ी से जाते समय पाकिस्तानी फौजियों पर हमले हुए थे। उसमें 14 फौजियों की जान गई थी। 4 नवंबर 2023 को पाकिस्तान के मियांवली स्थित एयर फोर्स बेस पर ताबड़तोड़ गोलीबारी और बम धमाके हुए थे। हमले के पाँच महीने बाद फिर एयरबेस को निशाना बनाया गया।

बलोच लिबरेशन आर्मी

बता दें कि बलोच लिबरेशन आर्मी एक तरह पाकिस्तान शासन से खफा उन लोगों का संगठन है जो मुल्क के खिलाफ विद्रोह कर चुके हैं। इनका मानना है कि विभाजन के वक्त इनके प्रांत को जबरन पाकिस्तान में शामिल किया गया जबकि वो खुद को एक आजाद मुल्क के तौर पर चाहते थे।

माना जाता है कि ये संगठन 1970 में अस्तित्व में आया था जब जुल्फिकार अली भुट्टो की सरकार के खिलाफ बगावत शुरू हुई थी। हालाँकि बाद में ये कुछ समय गायब रही और इसकी वापसी हुई फिर से साल 2000 में। माना जाता है कि संगठन की आधिकारिक स्थापना इसी साल हुई थी। इसके बाद से कई ऐसी घटनाएँ सामने आई हैं जब इस संगठन ने पाकिस्तान फौज को अपना निशाना बनाया हो।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जनता की समस्याएँ सुन रहे थे गिरिराज सिंह, AAP पार्षद शहज़ादुम्मा सैफी ने कर दिया हमला: दाढ़ी-टोपी का नाम ले बोले केंद्रीय मंत्री –...

शहजादुम्मा मूल रूप से बेगूसराय के लखमिनिया का रहने वाला है। वह आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता है जो वर्तमान में लखमिनिया से वार्ड पार्षद भी है।

चुनाव आयोग ने मानी बिश्नोई समाज की माँग, आगे बढ़ाई मतदान और काउंटिंग की तारीखें: जानिए क्यों राजस्थान में हर वर्ष जमा होते हैं...

बिश्नोई समाज के लोग हर वर्ष गुरु जम्भेश्वर को याद करते हुए आसोज अमावस्या मनाते है। राजस्थान के बीकानेर में वार्षिक उत्सव में भाग लेते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -