अँधेरी रात में दृश्यता न के बराबर थी। मुठभेड़ स्थल भी गाँव के बाहरी हिस्से में था जहाँ से जंगल शुरू होता था। घने पेड़ों के बीच एक घर में आतंकी छिपे हुए थे।
जैसे ही जवान उस आतंकी के पास गए उसने गोलियाँ बरसानी शुरू कर दीं। ये गोलियाँ जवानों को छूते हुए निकल गईं। गामित ने आतंकी को बहुत मौक़ा देना ठीक नहीं समझा।
कन्हैयालाल के हत्यारों को पकड़वाने के लिए 5 किलोमीटर तक पीछा करने वाले शक्ति सिंह और प्रह्लाद सिंह के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार की माँग। कॉन्ग्रेस MLA भी हुए कायल।
नितिन की मौत की ख़बर सुनने के बाद गाँव के लोगों ने अपने घरों में खाना नहीं बनाया। लोगों में एक तरफ जहाँ गुस्सा था वहीं सरकार को पाकिस्तान के ख़िलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की माँगें भी शामिल थी।
कुलविंदर की मंगनी गांव लोदीपुर वासी अमनदीप कौर से लगभग ढाई साल पहले हुई थी। आठ नवंबर को शादी होनी तय थी। कुलविंदर के पार्थिव शरीर को देख अमनदीप कौर कई बार बेहोश हुई।
अश्वनी कुमार घर के एकमात्र कमाऊ पूत थे। उनके पिता ने मज़दूरी कर बेटों को पढ़ाया- लिखाया। कॉलेज के समय से ही एनसीसी में रहे अश्वनी काफ़ी पहले से ही सीआरपीएफ में भर्ती होना चाहते थे। इसी वर्ष उनकी शादी भी तय होने वाली थी।