इस झड़प में दो वयस्क समेत और एक बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों का अभी अस्पताल में चल रहा है। इस घटना में गंभीर रूप से घायलों में गौरी देवी, दीपक नल्लीक और 12 वर्षीय मिस्टी शामिल है।
फारुख ने बताया कि वह कुछ साल पहले एक इज्तमा में शामिल हुआ था। इसमें तकरीर से प्रभावित होकर उसने दाढ़ी बढ़ा ली थी। अब कुछ दिन से गर्मी अधिक होने के कारण वह दाढ़ी से परेशान था और दाढ़ी कटवाना चाह रहा था। लेकिन, समाज व धर्म का भय था। इसलिए उसने जबरदस्ती दाढ़ी कटवाने की झूठी कहानी बनाई।
उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इसमें सांप्रदायिक दंगों के खिलाफ सतर्क रहने की सलाह दी गई है। साथ ही हिंसा को रोकने के लिए पुलिस से मॉक ड्रिल चलाने का निर्देश भी जारी किया गया है।
उग्र ग्रामीणों ने पुलिस पर आरोपित शाबिर के साथ मिलीभगत का आरोप लगाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। कुछ आक्रोशित लोगों ने गाँव की मस्जिद में नमाज रुकवा दिया, कुछ ने आरोपित शाबिर के घर पर हमला भी बोला।
अगर आपको तबरेज की हत्या पर समाज में दोष दिखता है, तो आपको विनय की भी हत्या पर विचलित होना पड़ेगा। अगर आपको किसी चोर की भीड़ हत्या पर संवेदनशील होने का मन करता है तो आपको जीटीबी नगर मेट्रो स्टेशन के बाहर इस्लामी भीड़ द्वारा लिंच किए गए ई-रिक्शा चालक की भी मौत का गम करना चाहिए।
मुस्लिम समुदाय के महबूब, आज़ाद, इसराइल, मोनीस और अलानूर को पुलिस ने अपने शिकंजे में लिया। इन लोगों ने देवस्थान में मूर्तियाँ खंडित कर दी थीं, देवी-देवताओं की प्रतिमाएँ उठा कर ले गए थे और वहाँ जम कर उत्पात मचाया था।
समुदाय विशेष के लोगों ने ईद होने और नमाज़ का समय हो जाने की बात करते हुए कहा कि अब उनका त्यौहार आ गया है, इसीलिए लाउडस्पीकर पर भजन नहीं होना चाहिए। श्रद्धालुओं का तर्क था कि वे गाँव के बाहर आकर भजन-कीर्तन कर रहे हैं, जबकि नमाज़ गाँव के भीतर पढ़ी जाती है।
मारे गए बच्चों की तो मजहबी पहचान बताई जा रही है लेकिन हत्यारोपियों की छिपाई जा रही है। ऐसे में क्षेत्र और प्रदेश में बेवजह का साम्प्रदायिक तनाव फैलने रहा है। सोशल मीडिया पर साम्प्रदायिक दुर्भावना के कारण लोग भोपाल और गुरुग्राम वाले मामले को भी जोड़कर इसमें जहर...