Monday, November 18, 2024

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Delhi Riots Chargesheets

‘काफिरों का खून बहाना होगा, 2-4 पुलिस वालों को भी मारना होगा’ – दिल्ली दंगों के लिए होती थी मीटिंग, वहीं से खुलासा

"हम दिल्ली के मुख्यमंत्री पर दबाव डालें कि वह पूरी हिंसा का आरोप दिल्ली पुलिस पर लगा दें। हमें अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतरना होगा।”

जामिया वालों को Airtel प्रमोटर फैजान खान ने उपलब्ध कराया था फर्जी नंबर, Whatsapp के जरिए दंगों की साजिश

फैजान खान ने जिओ प्रमोटर गौरव की तस्वीर और अब्दुल की आधार आईडी के साथ सिम कार्ड निकाल कर जामिया के एक बड़े छात्र नेता को दिया था।

‘आज देख लेंगे हिंदुओं को… शाहरुख भाई वो रहा हिंदू, मारो साले को’: राजधानी स्कूल वाले फैजल फारुख पर चार्जशीट

फैजल फारुख। राजधानी स्कूल का मालिक। दिल्ली दंगों के दौरान हिंदुओं को निशाना बनाने के लिए क्या, कब और कैसे किया। सब कुछ है इस चार्जशीट में।

दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम के खिलाफ UAPA एक्ट के तहत दायर की चार्जशीट, देशद्रोह के अलावा कई मुक़दमे दर्ज

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शन के दौरान देशद्रोही बयान के आरोपित शरजील इमाम के खिलाफ क्राइम ब्रांच की टीम दिल्ली के पटियाला कोर्ट में शनिवार (25 जुलाई, 2020) को चार्जशीट दाखिल किया है।

‘कल सब आएँ और साथ में पत्थर, डंडे, रॉड लाएँ’: सफूरा जरगर और उसके साथियों के गुप्त बैठकों की डिटेल

कॉन्स्टेबल रतन लाल की हत्या की चार्जशीट बताती है कि किस तरह सफूरा जरगर जैसों ने दिल्ली दंगों पूरी साजिश रची थी।

ताहिर हुसैन की जमानत याचिका खारिज, कोर्ट ने कहा – ‘दिल्ली दंगों की साजिश की जड़ें काफी गहरी’

ताहिर हुसैन की जमानत याचिका खारिज करते हुए सेशन कोर्ट ने कहा कि दिल्ली मे हुए दंगों के पीछे एक ऐसी साजिश थी, जिसकी जड़ें काफ़ी गहरी हैं।

माफ़ कर दीजिए, मुझसे गलती हो गई: ताहिर हुसैन ने कबूला- हिन्दुओं को सबक सिखाना चाहता था, घर को बनाया था लॉन्चपैड

ताहिर हुसैन ने जानकारी दी कि उसने भीड़ को अपनी छत पर खड़े होकर गोलीबारी और पत्थरबाजी करने को कहा क्योंकि उसे लगता था कि उसका घर ऊँचा है तो वो हिंदुओं को आसानी से निशाना बना सकता है। उसने कबूल किया है कि भीड़ पेट्रोल बम लेकर आई थी।

मैं हिंदुओं को सबक सिखाना चाहता था, दंगों से पहले तुड़वा दिए थे सारे कैमरे: ताहिर हुसैन का कबूलनामा

8वीं तक पढ़ा ताहिर हुसैन 1993 में अपने पिता के साथ दिल्ली आया था और दोनों पिता-पुत्र बढ़ई का काम करते थे। पढ़ें दिल्ली दंगों पर उसका कबूलनामा।

ताहिर हुसैन के खिलाफ उसके ही 2 कर्मचारी मुख्य गवाह, खोले दिल्ली दंगों के दिन के कई राज

दोनों 24 फरवरी को उस वक्त ताहिर हुसैन के कार्यालय में ही थे जब उसके बेसमेंट में लोग इकट्ठा हो रहे थे और आप का निलंबित पार्षद उनसे गोपनीय बातें कर रहा था।

ऑपइंडिया एक्सक्लूसिव: साहिल के पिता परवेज 3 बार में 3 तरह से, 2 अलग जगहों पर मरे… 16 हिन्दुओं के नाम FIR में

आखिर साहिल परवेज ने तीन बार में तीन अलग-अलग बातें क्यों बोलीं? उसके पिता की हत्या घर के गेट के पास हुई या फिर बाबू राम चौक पर? उसे अस्पताल ले जाने वाला नितेश कौन है? साहिल अपने पिता को स्कूटी पर ले गया था, या उसका दोस्त शाहरुख?

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