पुलिस ने इस मामले में घटना की जगह की सीसीटीवी फुटेज भी खंगाला और शुरुआती जाँच के बारे में बताते हुए रोहिणी के डीसीपी एस डी मिश्रा ने कहा कि उन्होंने इस बारे में घटना के समय मौजूद चश्मदीद गवाह से बात की, जिसने उन्हें इस घटनाक्रम के पूरे सीक्वेंस को बताया। इससे मोमिन के आरोप साबित नहीं होते हैं।
प्रवेश का कहना है कि उन्होंने 17 जून को वेस्ट दिल्ली में सरकारी जमीनों पर अवैध कब्ज़ा कर वहाँ मस्जिदें और कब्रिस्तान बनाने का मुद्दा उठाते हुए दिल्ली के उप राज्यपाल को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने माँग की थी कि इस पूरे मामले की जाँच कराई जाए और अवैध निर्माणों को हटाया जाए।
"पश्चिमी दिल्ली के संसदीय क्षेत्र में सरकारी जमीन, सड़कों, पार्कों और दूसरे अनुचित स्थानों पर मस्जिदों का निर्माण किया जा रहा है। सार्वजनिक जमीनों पर बनी मस्जिदों के कारण न सिर्फ ट्रैफिक की समस्या होती है, बल्कि आस-पास रहने वाले लोगों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।"
टाटा पॉवर-DDL ने जोर देते हुए कहा है कि वो 68 लाख रुपए हर महीने इन स्ट्रीटलाइट्स के रख-रखाव में ही खर्च करते हैं, लेकिन दिल्ली स्थित आम आदमी सरकार की एजेंसियों ने अभी तक उनके रुपयों का भुगतान नहीं किया है।
DMRC ने केजरीवाल सरकार के सामने दो प्रस्ताव रखे हैं। पहले प्रस्ताव में योजना को लंबे समय के लिए लागू करने के लिए तकरीबन 12 महीने से अधिक समय लगने की बात कही है। वहीं, दूसरे प्रस्ताव में अस्थायी रूप से लागू करने के लिए गुलाबी टोकन व्यवस्था के जरिए 8 महीने का समय माँगा है।
अदालत ने बचाव पक्ष की इस दलील को ठुकरा दिया कि महज पुलिसवालों की गवाहियों के आधार पर किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। एसीएमएम विशाल ने कहा कि कानून में ऐसी कोई प्रीपोजिशन नहीं है कि निष्पक्ष गवाहों से मेल खाने के बावजूद पुलिसवालों की गवाहियों को मंजूर न किया जाए।
जामा मस्जिद के नमाज़ कक्ष के पास दो विदेशी लड़कियाँ डांस करते हुए टिक-टॉक पर वीडियो बना रही थीं। विदेशी लड़कियों द्वारा बनाया गया यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद यहाँ के इमाम ने...
नमाज़ बहुत पहले ही ख़त्म हो चुकी थी और लोग वहाँ से जा चुके थे। फिर भी समुदाय विशेष के लोगों ने सार्वजनिक वाहन पर तोड़फोड़ की और हंगामा किया। कमाल की बात यह है कि जहाँ ज़्यादातर इंग्लिश मीडिया ने 17 नमाजियों के घायल होने की झूठी ख़बर चलाई
"जो मीडिया समूह या मीडिया पोर्टल मेरे नाम से यह स्टेटमेंट जारी कर रहे हैं कि 17 लोग घायल हुए हैं, वह गलत है। वहाँ कोई भी घायल नहीं है। उन्होंने आगे जोड़ा कि तीन लोग बाद में पुलिस स्टेशन आए थे कि वह घायल हैं लेकिन उन्हें देखकर यह साफ था कि कोई भी घायल नहीं था।"
कुछ दिनों पहले केजरीवाल और सिसोदिया ने विजेंद्र गुप्ता पर AAP प्रमुख की हत्या की साजिश रचने वालों में शामिल होने का आरोप लगाया था। जिसके बाद विजेंद्र गुप्ता ने लीगल नोटिस देकर दोनों को 7 दिनों के अंदर माफी माँगने के लिए कहा था। मगर इसका जवाब न मिलने के बाद आज उन्होंने केजरीवाल और सिसोदिया के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया।