हिन्दू कार्यकर्ताओं का कहना है कि ऋषिकेश में 200 घरों में मजार बन रखे हैं। दरगाह से कारीगर तक दिए जाते हैं, ताकि हिन्दू घर में मजार बनाएँ। अब किए जा रहे ध्वस्त।
इस मदरसे में छात्रों को इस्लामी जीवन शैली और केवल अरबी भाषा ही सिखाई जाती है। हिंदी, अंग्रेजी जैसी कोई अन्य भाषा, यहाँ तक कि स्थानीय भाषा मराठी भी नहीं पढ़ाई जाती है।