"शिवसेना के 45 विधायक भाजपा के सम्पर्क में हैं और भाजपा के नेतृत्व में सरकार गठन को समर्थन देने के लिए तैयार हैं। 56 में से 45 शिवसेना विधायक भाजपा के संपर्क में हैं।" - भाजपा के राज्यसभा सांसद संजय काकडे ने बताया कि...
क्षेत्र विशेष तक सीमित शिव सेना को एहसास है कि हालिया उभार मोदी की लोकप्रियता की बदौलत है। भाजपा से अलग होने का नतीजा भी वह 2014 के विधानसभा और 2017 के बीएमसी चुनाव में भुगत चुकी है। देर-सबेर उसका लौटना तय है। तब तक उसके राजनीतिक फुफकार के मजे लीजिए!
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना साथ साथ गठबंधन बना कर लड़ रहे हैं। दोनों दलों ने इसे हिंदुत्व से जुड़ा गठबंधन 'महायुति' करारा दिया था। शिवसेना को इस गठबंधन में 124 सीटें दी गई थीं, वहीं 14 सीटें अन्य छोटी पार्टियों को दी गई थीं।
देवेंद्र फडणवीस को 39% लोगों ने मुख्यमंत्री के लिए पहली पसंद माना है जबकि 6% लोग उद्धव ठाकरे के पक्ष में थे। बता दें कि उद्धव की शिवसेना भी राजग का हिस्सा है।
सीटों के बँटवारे को लेकर मुख्यमंत्री फड़णवीस ने कहा कि यह आँकड़ा 130 से 140 तक हो सकता है और बाक़ी बची सीटों को सहयोगी दलों के बीच बाँट दी जाएँगी। बता दें कि महाराष्ट्र में कुल विधानसभा सीटें 288 हैं।
कोर्ट ने महाराष्ट्र में सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की वैधता को बरकरार रखते हुए कहा कि मराठा आरक्षण को 16% से घटाकर 12 या 13% करना चाहिए।
फडणवीस ने कहा कि कॉन्ग्रेस के अशोक चव्हाण लोगों को रैलियों में लाने के लिए किराया दे रहे हैं। हम किराए पर मंच और कुर्सियाँ लाते हैं, लेकिन अशोक चव्हाण की शुक्रवार की रैली में नेताओं को किराए पर लाना पड़ रहा है। पूरा माहौल NDA के पक्ष में है।
भाजपा और कॉन्ग्रेस के मुख्यमंत्रियों की औसत उम्र में डेढ़ दशक का फ़र्क़ है। अगर वंशवाद को हटा दें तो कॉन्ग्रेस में शायद ही कोई बड़ा युवा नेता हो। जबकि विपक्षियों द्वारा रूढ़िवादी कही जाने वाली भाजपा के किसी भी मुख्यमंत्री की उम्र 65 से ज्यादा नहीं है।
अतीत में शिवसेना की बात को गंभीरता से न लेने का दावा करने वाले कुछ तथाकथित पत्रकारों व विश्लेषकों ने सामना में छपने वाले लेखों का शब्दशः भावार्थ कर इसे भगवद् गीता की तरह बाँचना शुरू कर दिया था।
भाजपा में एक ऐसे नए संकटमोचक का उदय हुआ है, जो ढोल पीटना नहीं जानता, अपने गुणगानों का बखान करना नहीं जानता, तेज़ आवाज में नहीं बोलता, लेकिन फिर भी जनता उसकी भाषा समझती है और वो जनता की।