राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के मुताबिक उन्हें शिकायत मिली हैं कि इन राज्यों में चल रहे तथाकथित किसान आंदोलन की वजह से उद्योग धंधों और परिवहन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
हुसैन ने कहा, "जहाँ तक किसान यूनियन और राकेश टिकैत की बात है तो ये दोनों एक ही हैं। दोनों का एक ही मिशन है सत्ता पर काबिज होना। वर्तमान में ये केवल राजनीति में आना चाहते हैं।"
कॉन्ग्रेस 'आंदोलन समिति' के जरिए मोदी सरकार से खार खाए सिविल सोसाइटी के सदस्यों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, गैर सरकारी संगठनों और बुद्धिजीवियों को अपने साथ जोड़कर उनका सरकार के खिलाफ उपयोग की योजना बना रही है।