Saturday, June 14, 2025
Homeराजनीतिअमेरिका में PM मोदी तो राकेश टिकैत ने बायडेन से लगा ली गुहार, पर...

अमेरिका में PM मोदी तो राकेश टिकैत ने बायडेन से लगा ली गुहार, पर भूल गए कृषि कानूनों का समर्थक है अमेरिका

राकेश टिकैत ने जो बायडेन को टैग करते हुए कृषि सुधारों के लिए आए इन तीनों कानूनों को 'काला कानून' बताते हुए कहा कि हमें बचाने के लिए इन्हें वापस लिया जाना ज़रूरी है।

राकेश टिकैत ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन से तीन कृषि कानूनों का मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उठाने की अपील की है। जबकि USA ने इन कृषि सुधारों का समर्थन किया था। राकेश टिकैत ने ट्विटर पर उन्हें टैग करते हुए लिखा, “हम किसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों के विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान पिछले 11 महीनों में 700 किसानों की मौत हो गई है।”

राकेश टिकैत ने कृषि सुधारों के लिए आए इन तीनों कानूनों को ‘काला कानून’ बताते हुए कहा कि हमें बचाने के लिए इन्हें वापस लिया जाना ज़रूरी है। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ होने वाली बैठक के दौरान आप हमारी चिंताओं को उठाएँ। साथ ही उन्होंने ‘बायडेन, किसानों के लिए आवाज़ उठाओ’ वाला टैग भी लगाया। उनके साथ-साथ कई प्रदर्शनकारियों ने अपने ट्विटर हैंडल से इस टैग को आगे बढ़ाया।

बता दें कि जिस अमेरिका-कनाडा से ये किसान अपने आंदोलन को समर्थन देने के लिए अपील करते रहे हैं, वही देश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के MSP नियमों का विरोध करते रहे हैं। उन्होंने इसके खिलाफ ‘विश्व व्यापार संगठन (WTO)’ में शिकायत की थी। जबकि खालिस्तान के लिए सहानुभूति रखने वाले प्रदर्शनकारियों ने कनाडा का उन्हें समर्थन के लिए धन्यवाद दिया था। अब वो अमेरिका से अपील कर रहे हैं।

साथ ही याद हो कि भारत द्वारा किए जा रहे कृषि सुधारों के महत्व को समझते हुए, संयुक्त राज्य अमेरिका ने फरवरी 03, 2021 को मोदी सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को अपना समर्थन दिया था। बायडेन प्रशासन ने कहा था कि वो उन कदमों का स्वागत करता है, जो भारत के बाजारों की कुशलता में सुधार करेंगे और निजी क्षेत्र में अधिक निवेश को आकर्षित करेंगे। अमेरिका से पहले वर्ड बैंक और आईएमएफ भी भारत के तीन नए कृषि कानूनों का समर्थन कर चुका है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

'द वायर' जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के विरोधी वेबसाइट्स को कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘ईरान ने हमले बंद नहीं किए तो जल जाएगा पूरा तेहरान’: इजरायली रक्षा मंत्री ने दी चेतावनी, कहा – अभी तो ये शुरुआत, अंत...

इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने ईरान को चेतावनी दी है कि अगर ईरान की ओर से इजरायल पर एक भी मिसाइल का हमला होता है तो जवाब में 'तेहरान जल जाएगा।'

यूरोप में टूरिस्टों की भरमार के खिलाफ प्रदर्शन, स्पेन-इटली-पुर्तगाल में ‘ओवर टूरिज्म’ के खिलाफ रविवार को सड़कों पर उतरेंगे लोग: कई शहरों में पर्यटकों...

यूरोप में हर साल टूरिस्टों की तादाद बढ़ रही है। इस साल टूरिस्टों के खर्च में 11% की बढ़ोतरी हुई, जो 838 बिलियन डॉलर तक पहुँच गई।
- विज्ञापन -