रामकुमार सिंह के पिता के नाम पर ₹9,547 का कर्ज़ जबकि उनके नाम पर ₹70,481 का कर्ज़ लिख दिया गया। जबकि उन्होंने चने की फसल के लिए केवल ₹17,000 का कर्ज़ लिया था, उनके पिता ने कोई कर्ज़ नहीं लिया था।
बिचौलियों के चलते किसानों को काफ़ी नुकसान उठाना पड़ता है। तमाम कोशिशों के बावजूद भी उन्हें लाभ तो क्या लागत की रकम भी नहीं मिल पाती है। सरकार इसे लेकर गंभीर है।
अलग-अलग योजनाओं के जरिए सब्सिडी देने की बजाय सीधे उनके खाते में पैसा भेजने का फ़ैसला लिया जा सकता है। संभावना इस बात की भी है कि सरकार किसानों पर ख़र्च ₹70,000 करोड़ से बढ़ाकर ₹75,000 करोड़ कर सकती है।
गौरीगंज इलाके में किसानों ने माँग करते हुए कहा कि या तो राजीव गाँधी फाउंडेशन द्वारा किसानों की ज़मीनें उन्हें वापस कर दी जाए या फ़िर उन्हें रोज़गार प्रदान किए जाएँ।
बजट में सरकार किसानों के साथ उनके परिवारों को भी लाभान्वित करने पर विचार कर रही है। इसमें किसानों के साथ-साथ आर्थिक रूप से पिछड़े हुए परिवारों को भी मदद पहुँचाने के लिए योजना बनाई जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भाजपा और काँग्रेस में सबसे बड़ा अंतर ये है कि काँग्रेस हमेशा किसानों को वोट बैंक की तरह देखती आई है, जबकि उनके लिए किसान अन्नदाता हैं।
मोदी सरकार किसानों को हर एक क्रॉप सीजन में एक प्रति एकड़ चार हजार रुपये देने की तैयारी कर रही है। इतना ही नहीं, किसानों को एक लाख तक के ब्याज मुक्त कर का लाभ भी दिया जा सकता है।