हिंडेनबर्ग ने ऐसा साबित करने की कोशिश की है जैसे उक्त कंपनी धवल और माधवी की ही हो जबकि उनका शेयर मात्र डेढ़ प्रतिशत का था। कौन सा नशा लेकर इस रिपोर्ट को तैयार किया गया है? 2015 में जब का ये मामला है, तब माधवी पुरी SEBI में थीं ही नहीं।
सेबी ने अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग को 'कारण बताओ नोटिस' जारी किया है और उससे सीधे-सीधे कुछ सवाल पूछे हैं। हिंडनबर्ग ने इसके जवाब में अपने निवेशक का नाम नहीं बताया।