Monday, October 7, 2024
Homeविविध विषयअन्यअब अडानी के खिलाफ स्विस बैंक का शिगूफा लेकर आया हिंडनबर्ग, कहा- ₹2600 करोड़...

अब अडानी के खिलाफ स्विस बैंक का शिगूफा लेकर आया हिंडनबर्ग, कहा- ₹2600 करोड़ फ्रीज: भारतीय कंपनी ने बताया मार्केट वैल्यू गिराने का सुनियोजित प्रयास

हिंडनबर्ग ने दावा किया है कि स्विस अधिकारियों ने अडानी ग्रुप के स्विस बैंकों में रखे गए 310 मिलियन डॉलर (लगभग 2600 करोड़ रुपये) की धनराशि को फ्रीज कर दिया है।

हिंडनबर्ग रिसर्च ने हाल ही में अडानी ग्रुप के खिलाफ फिर से गंभीर लगाकर सनसनी फैलाने की कोशिश की। स्विस मीडिया आउटलेट गॉथम सिटी की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए, हिंडनबर्ग ने दावा किया है कि स्विस अधिकारियों ने अडानी ग्रुप के स्विस बैंकों में रखे गए 310 मिलियन डॉलर (लगभग 2600 करोड़ रुपये) की धनराशि को फ्रीज कर दिया है।

हिंडनबर्ग के दावे के अनुसार, स्विस अधिकारियों ने अडानी ग्रुप की वित्तीय गतिविधियों की गहरी जाँच की है और पाया है कि समूह ने विदेशी फंड्स में निवेश किया है जो कि अपारदर्शी हैं। इन फंड्स में अधिकांश अडानी के स्टॉक्स शामिल हैं। रिपोर्ट का कहना है कि अडानी ग्रुप के प्रतिनिधि ने इन फंड्स को स्विस बैंकों में रखा था और यह धनराशि अब फ्रीज कर दी गई है। इस धधनराशि की टोटल वैल्यू करीब 2600 करोड़ रुपये हैं।

इस आरोप को 12 सितंबर 2024 को X (पूर्व में ट्विटर) पर हिंडनबर्ग द्वारा पोस्ट किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, स्विस अधिकारी 2021 से अडानी ग्रुप के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और सिक्योरिटी फ्रॉड की जाँच कर रहे हैं।

अडानी ग्रुप ने दावों को किया खारिज

अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग के दावों को “आधारहीन, अव्यवहारिक और हास्यास्पद” करार दिया है। ग्रुप की तरफ से कहा गया है कि अडानी ग्रुप का स्विस कोर्ट की किसी भी कार्यवाही से कोई संबंध नहीं है और उनकी किसी भी कंपनी का खाता किसी भी प्राधिकरण द्वारा फ्रीज नहीं किया गया है। साथ ही यह भी कहा कि न तो स्विस कोर्ट ने कथित आदेश में अडानी की कंपनियों का उल्लेख किया है और न ही किसी प्राधिकरण या नियामक संस्था ने उनसे कोई स्पष्टीकरण या जानकारी माँगी है।

अडानी ग्रुप ने अपने बयान में यह आरोप लगाया है कि यह पूरी घटना उनके ग्रुप की प्रतिष्ठा और बाजार मूल्य को स्थायी रूप से नुकसान पहुँचाने के लिए एक सुनियोजित और गंभीर प्रयास है। कंपनी ने यह भी कहा कि उनका विदेशी होल्डिंग ढाँचा पूरी तरह से पारदर्शी है और सभी प्रासंगिक कानूनों के अनुरूप है।

पहले भी अडानी ग्रुप को निशाने पर ले चुका है हिंडनबर्ग

हिंडनबर्ग की यह नई रिपोर्ट एक लंबे विवाद की कड़ी में आती है। पहले भी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर रिपोर्ट जारी की थी। उस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर कर्ज, शेयरों की कीमत में हेर-फेर, और अन्य वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाए गए थे। रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप की वित्तीय स्थिति और उनके बाजार मूल्य पर सवाल उठाए थे। रिपोर्ट के प्रकाशित होने के बाद, अडानी की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई थी, जो कि शेयर बाजार में एक तरह का भूचाल लेकर आया था।

इस रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप का मार्केट कैप गिर गया था और गौतम अडानी की नेटवर्थ में भी बड़ी कमी आई थी। हिंडनबर्ग की पहली रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप की वित्तीय स्थिति और उसकी संपत्तियों पर गंभीर सवाल उठाए थे, जिसके परिणामस्वरूप अडानी ग्रुप को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ा था।

अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग की पहली रिपोर्ट के बाद अपनी स्थिति स्पष्ट की थी और आरोपों को खारिज किया था। उन्होंने कहा था कि उनकी सभी वित्तीय गतिविधियाँ पारदर्शी और कानूनी ढांचे के अनुसार हैं। इसके बावजूद, रिपोर्ट के प्रभाव ने अडानी ग्रुप की मार्केट वैल्यू को नुकसान पहुँचाया और इसके परिणामस्वरूप उनके शेयरों की कीमत में भारी गिरावट आई। हालाँकि बाद में अडानी ग्रुप ने जोरदार वापसी की। अडानी ग्रुप के शेयरों ने रिकवरी की और उन्होंने अपनी वित्तीय स्थिति को स्थिर करने में सफलता प्राप्त की है। यह रिकवरी दर्शाती है कि अडानी ग्रुप ने अपनी स्थिति को सुधारने के लिए कई कदम उठाए हैं और बाजार में फिर से अपनी जगह बनाई है।

अडानी ग्रुप के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों ने एक बार फिर से वित्तीय जगत में हलचल मचा दी है। स्विस बैंकों में रखी गई राशि के फ्रीज होने के आरोप और अडानी ग्रुप का खंडन, दोनों ही इस विवाद की जटिलता को बढ़ा रहे हैं। अडानी ग्रुप ने अपनी स्थिति स्पष्ट की है और सभी आरोपों को खारिज किया है, जबकि हिंडनबर्ग ने अपने दावों को मजबूत करने के लिए नई रिपोर्ट प्रकाशित की है। आने वाले समय में यह देखना होगा कि इस विवाद के क्या परिणाम होते हैं और अडानी ग्रुप अपने कारोबारी संचालन और निवेशकों के विश्वास को कैसे बनाए रखता है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

माता-पिता के सामने हिंदू बच्चों के कटवाए अंग, धर्मांतरण से इनकार तो सूली पर लटका जिंदा जलवाया… जिस फ्रांसिस जेवियर को ‘संत’ कहते हैं...

जिस फ्रांसिस जेवियर को 'संत' कह प्रचारित किया जाता है, उसका गोवा की डेमोग्राफी बदलने में बड़ा योगदान है। जानिए कैसे हिंदुओं को धर्मांतरण नहीं करने पर यातना दी गई, कैसे मंदिरों की पहचान मिटाई गई?

RG Kar अस्पताल के 10 डॉक्टर-59 स्टाफ सस्पेंड, रेप-मर्डर के बाद बनी जाँच कमेटी का आदेश: यौन शोषण-धमकी-वसूली के आरोपों पर शुरू हुई कार्रवाई

आरोपितों पर जूनियर स्टाफ को देर रात नशा और शराब खरीदने के लिए मजबूर करने और लड़कों के कॉमन रूम में अश्लील हरकतें करने के लिए मजबूर करने का भी आरोप है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -