Friday, December 13, 2024
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अमेरिकी मुकदमे में गौतम अडानी और सागर अडानी पर रिश्वत देने के आरोप नहीं, मीडिया ने ‘लापरवाही’ में की रिपोर्टिंग: कारोबारी समूह बोला- इससे हुआ बड़ा नुकसान

अडानी समूह के अनुसार, पूरा मुकदमा इस सिर्फ बात पर दायर किया गया है कि रिश्वत देने से सम्बन्धित बात की गई थी या उसका वादा किया गया था। यह रिश्वत देने के दावे भी मुकदमे में CDPQ और एज्युर के अधिकारियों के बयान पर आधारित हैं।

भारतीय कारोबारी समूह अडानी ग्रुप में सपष्ट किया है कि अमेरिका में उनके खिलाफ दायर किए गए किसी भी मुकदमे में गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी पर सीधे तौर पर रिश्वतखोरी में शामिल होने का आरोप नहीं लगा है। अडानी समूह ने बताया है कि रिश्वत देने के मामले में कोई प्रमाण भी नहीं दिए गए हैं और यह सिर्फ कुछ लोगों के बयान पर आधारित हैं। अडानी समूह ने कहा है कि भारतीय और विदेशी मीडिया ने इस मामले के तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया, जिससे निवेशकों और समूह को बड़ा नुकसान हुआ है।

अडानी समूह के अनुसार, गौतम अडानी, सागर अडानी और विनीत जैन पर अमेरिका में दायर मुकदमे में रिश्वत लेने या देने सम्बन्धी कोई आरोप नहीं लगा है। उन्होंने कहा कि यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने उन्हें भ्रष्ट आचरण से जुड़े आरोपों से बाहर रखा है। समूह ने बताया है कि मुकदमे में सिर्फ एज्युर और CDPQ के अधिकारियों पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया गया है। गौरतलब है कि CDPQ एक कनाडाई निवेशक समूह है और एज्युर अमेरिकी एनर्जी कंपनी है। यह दोनों अडानी समूह के साथ काम करती आई हैं।

अडानी समूह की ग्रीन एनर्जी पर काम करने वाली कंपनी, अडानी ग्रीन एनर्जी ने स्टॉक एक्सचेंज में दी गई एक जानकारी में इस पूरे मामले से सम्बन्धित तथ्य रखे हैं। अडानी ग्रीन एनर्जी ने कहा है कि अडानी समूह के लोगो पर केवल सिक्यूरिटीज में धोखाधड़ी और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के जरिए गड़बड़ी का आरोप है ना कि रिश्वतखोरी का। उन्होंने साथ ही में यह भी कहा है कि इस बात के कोई सबूत भी नहीं हैं कि अडानी समूह से जुड़े लोगों ने भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी।

अडानी समूह के अनुसार, पूरा मुकदमा इस सिर्फ बात पर दायर किया गया है कि रिश्वत देने से सम्बन्धित बात की गई थी या उसका वादा किया गया था। यह रिश्वत देने के दावे भी मुकदमे में CDPQ और एज्युर के अधिकारियों के बयान पर आधारित हैं। समूह ने कहा है कि इन सब कारण से उनके खिलाफ दायर किया गया मुकदमा अदालत में काफी कमजोर होगा ही, वह नैतिक रूप से भी मजबूत नहीं है। समूह ने इस मुकदमाबाजी के परिणामों को लेकर चिंता जताई है।

अडानी समूह द्वारा जारी बयान में बताया गया है कि अमेरिका की बिना किसी मजबूत आधार के की गई कार्रवाई और फिर मीडिया में लापरवाह रिपोर्टिंग के कारण उनको अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं का रद्द होना, उनके वित्तीय बाजार पर असर और रणनीतिक साझेदारों, निवेशकों और जनता द्वारा अचानक जाँच-पड़ताल जैसे बड़े नुकसान उठाने पड़े हैं।

अडानी समूह ने कहा है कि वह कई बाजारों में सीधे तौर पर चीन और अमेरिका से प्रतियोगिता में है और इस मुकदमाबाजी के कारण उसकी शेयर बाजार में सूचीबद्ध 11 कम्पनियों में 55 बिलियन डॉलर (लगभग ₹5 लाख करोड़) का नुकसान झेलना पड़ा है।

गौरतलब है कि अमेरिका में हाल ही में दायर किए गए दो मुकदमों में आरोप लगाया गया है कि भारत में निवेश की गलत जानकारी के आधार पर अमेरिका से अडानी समूह ने पैसे जुटाए। इस मुकदमे में कुछ आरोपों में गौतम अडानी और सागर अडानी समेत बाक़ी का नाम भी है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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