Monday, November 18, 2024

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History

कॉन्ग्रेस की समिति, स्वतंत्रता आंदोलन पर किताब, नेहरू की प्रस्तावना और सावरकर के नाम के आगे ‘वीर’: इतिहास का एक पन्ना यह भी

यह दुर्भाग्य ही है कि कॉन्ग्रेस का एक अध्यक्ष सावरकर को सम्मान दे रहा था तो आज की कॉन्ग्रेस अपने ही इतिहास को भूल गई है।

बाँध कर रखे जाते थे बच्चे, नन खुद को मारती थीं कोड़े: मदर टेरेसा की मिशनरी में ‘मजहबी पागलपन’ पर पॉडकास्ट

ननों को मरीजों और बच्चों को छूने तक की मनाही थी और न ही वो किसी से दोस्ती कर सकती थीं। एक दशक में 1 बार ही वो अपने परिवार से मिलने घर जा सकती थीं।

‘कोई पूज्य फातिमा बीबी को ऐसा कहे तो तुम्हें कैसा लगेगा’: माँ भवानी के अपमान पर बोला 14 साल का बालवीर, सिर धड़ से...

हकीकत राय ने माँ भवानी का अपमान कर रहे मुस्लिम छात्रों से बस इतना ही पूछा कि अगर कोई उनकी पूज्य फातिमा बीबी को ऐसा कहे तो उन्हें कैसा लगेगा?

मंदिर के पैसों से चलने वाला 1000+ साल से भी पुराना अस्पताल: जहाँ थे डॉक्टर, सर्जन, नर्स… दीवार पर लिखी उपचार विधियाँ

ASI भी योजना बना रहा है कि 9वीं सदी के इस मंदिर के प्रांगण में अभिलेख में वर्णित किए गए आयुर्वेदिक पेड़-पौधे लगाए जाएँ। इसमें बुखार, फेफड़ा रोग और जलशोथ सहित कई बीमारियों के इलाज की विधि बताई गई है।

हिन्दू राजाओं ने बसाया, इस्लामी व पुर्तगाली ताकतों ने किया अत्याचार: 3000 वर्ष पुराना है भारत में यहूदियों का इतिहास

ईसाई धर्म की पवित्र पुस्तक बाइबिल में लिखा है कि किस तरह राजा सोलोमन 'ओफिर' नामक स्थान से समुद्र के रास्ते सोने-चाँदी का व्यापार करता था। इस जगह को भारत में ही चिह्नित किया गया है।

25 साल छोटे गुरु के शिष्य, जिनके सामने झुका अकबर भी.. 20 बार हरिद्वार जाने वाले वैष्णव संत कैसे बने सिखों के तीसरे गुरु

अपने से 25 साल छोटे गुरु के लिए अमर दास एक तूफानी रात में व्यास नदी से पानी लेने के लिए निकले। वो गिरे, चोट आई और उस दौरान नींद से जागी एक महिला ने जो कहा...

जलियाँवाला नरसंहार वाले जनरल डायर का स्वर्ण मंदिर में सिरोपा दे हुआ था सम्मान, अमरिंदर के पुरखे भी थे अंग्रेजों के वफादार

जलियाँवाला बाग़ नरसंहार के बारे में कौन नहीं जानता। यह नरसंहार अंग्रेज अधिकारी जनरल रेजिनाल्ड एडवर्ड डायर के आदेश पर हुआ था। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि अकाल तख़्त ने उसे सिरोपा देकर सम्मानित किया था।

भारतीय गणना ही सर्वोत्तम: विदेशी कैलेंडर गड़बड़ियों की तारीख से भरे, कभी 10 माह का साल तो कभी 10 दिन गायब

रोमन, जूलियन और ग्रेगेरियन कैलेंडरों में खासा कन्फ्यूजन था। अब भी है। कई त्रुटियाँ हुईं। किसी ने सूर्य को आधार माना तो किसी ने चन्द्रमा को। भारतीय प्राचीन कैलेंडर यूँ ही चला आ रहा है - सटीक।

हिंदू नववर्ष… सूर्य, चंद्र, पृथ्वी की गति पर आधारित गणना: वो विज्ञान, जिसके दम पर फली-फूली कृषि-सभ्यता

भारतीय विज्ञान की यह विशेषता है कि वह हमेशा प्रत्यक्ष और प्रकृति से समन्वय बनाकर चलता है। इसलिए काल की गणनाएँ भी इससे ही जुड़ी हुई हैं।

18 अप्रैल 1669… जब औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ मंदिर को ध्वस्त करने का दिया था आदेश, साढ़े 4 महीने में कर ली गई थी...

कौन नहीं जानता है कि गायों को हरावल दस्ते में आगे रखकर हिंदुओं को जीतने वाले कायर रेगिस्तानी बर्बरों ने हिंदुओं की चेतना को खत्म करने के लिए मंदिरों को अपवित्र किया, मूर्तियाँ तोड़ीं और बलात्कार किए।

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