वह असंतोष न चीन के कम्युनिस्टों के हक में होगा और न भारत के वामपंथियों और उनके पोषक कॉन्ग्रेस के। इसलिए, नानजिंग के प्रेसिडेंशियल पैलेस और जनपथ की बेचैनियाँ आज एक सी दिख रहीं।
निजामुद्दीन चिश्ती जैसों के 'शांतिपूर्ण सूफीवाद' का मिथक खूब फैलाया गया है। लेकिन वास्तविकता यही है कि ये जिहाद को बढ़ावा देने, 'काफिरों' के धर्मांतरण के लिए ही भारत आए थे।
एक हथियार की तस्वीर भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई। जिसे लेकर दावा किया जा रहा था कि इन्हीं हथियारों से चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर हमला किया। लेकिन आर्मी ने यह स्पष्ट किया कि........
7 अगस्त 2008 को सोनिया गाँधी की अगुवाई वाली कॉन्ग्रेस और चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के बीच एक समझौता हुआ था। शायद आज वही वजह है कि कॉन्ग्रेस चीन की नापाक हरकतों पर भी चुप्पी साधे हुए है।
193 सदस्यों वाले संयुक्त राष्ट्र में जीत के लिए दो-तिहाई यानी 128 सदस्यों का समर्थन होना चाहिए। जिसमें भारत को 184 वोट्स मिले हैं। हर साल पाँच अस्थाई सदस्य चुने जाते हैं। अस्थाई सदस्यों का कार्यकाल दो साल होता है।
शुरुआत में भारत में 1 कमांडिंग अफसर और 2 जवानों के वीरगति प्राप्त होने की बात सामने आई थी, लेकिन बाद में सेना ने जानकारी दी कि अन्य 17 घायल भी वीरगति को प्राप्त हो गए हैं।