मिसाइल की शुरुआत से ही वायु सेना इसके विकास के हर कदम पर इसमें शामिल रही है। उसके इंजीनियरों ने मिसाइल का सॉफ्टवेयर भी बनाया था। HAL (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) ने मिसाइल के इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल हिस्सों पर काम किया था।
साइबर के अतिरिक्त स्पेस अर्थात अंतरिक्ष भी आज के समय में युद्ध का अखाड़ा बना हुआ है। जनवरी 2007 में चीन ने अपनी ही सैटेलाइट को मार गिराया था और दुनिया के सामने इसे एक दुर्घटना बताया था। वास्तव में चीन किसी सैटेलाइट को मार गिराने की अपनी क्षमता को जाँच रहा था।
पाकिस्तानी वायुसेना के हमले को नाकाम करने के वक्त विंग कमांडर अभिनंदन 51वीं स्क्वॉड्रन में तैनात थे और अभिनंदन ने F-16 को मार गिराया था। इसलिए इनकी यूनिट को फाल्कन स्लेयर्स यानी फाल्कन का वध करने वाली स्क्वॉड्रन नाम दिया गया है।
बता दें कि 15 चिनूक और 22 अपाचे हेलिकॉप्टर के लिए भारत और अमेरिकी सरकार के बीच 3 बिलियन डॉलर में समझौता हुआ था। डील के तहत अमेरिका को इन सभी हेलीकॉप्टर्स की डिलीवरी तीन से चार साल के भीतर करनी थी।
इसके अलावा, अजय शुक्ला ने अपने ब्लॉग में भी लिखा था कि भारतीय वायु सेना ने इन वाहियात अटकलों पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया था, यह कहते हुए कि पूछताछ अभी भी जारी है और किसी निष्कर्ष पर पहुँचने के लिए कोर्ट ऑफ़ एन्क्वायरी को समय लगता है।
विंग कमांडर अभिनन्दन को वीर चक्र से सम्मानित करने के साथ-साथ पाकिस्तान स्थित आतंकी कैम्पों पर एयर स्ट्राइक करने वाले मिराज-2000 लड़ाकू विमानों के 12 पायलटों को भी वायुसेना मेडल देने का प्रस्ताव दिया है।
भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के F-16 को मार गिराने का सबूत देते हुए रडार के जरिए मिली उस तस्वीर को भी जारी कर दिया, जिसमें F-16 फाइटर जेट को साफ तौर पर एयरबोर्न वॉर्निंग ऐंड कंट्रोल सिस्टम ने लिया था।
जिस मैगजीन की फर्जी रिपोर्ट को अमेरिका ने नकारा है, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने उसी के आधार पर ट्वीट करते हुए कहा है कि भाजपा का चुनाव जीतने के लिए F-16 को गिराने का झूठ कामयाब नहीं हुआ है।