कुछ लोग कोरोना वायरस को लेकर कुछ ऐसा कर रहे हैं जो दूसरे को संकट में डाल सकता है। कर्नाटक में एक रेलवे कर्मचारी पर इसी को लेकर कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया है, जिसने विदेश से लौटे अपने बेटे की पहचान छुपाई थी। बेंगलुरू की रहने वाली एक महिला रेलवे कर्मचारी का बेटा हाल ही में विदेश से लौटा था।
देश का जनमानस लम्बी दूरी की सुलभ व सस्ती यात्रा के लिए हमेशा से रेलवे को प्राथमिकता देता रहा है। इसे ध्यान में रख मोदी सरकार रेलवे का कायाकल्प करने की दिशा में बढ़ रही है। सुरक्षा, तकनीक, सुविधा और रफ्तार पर सरकार का फोकस है।
राजनीतिक हिंसा के लिए कुख्यात बंगाल की सरकार विकास परियोजनाओं को लेकर भी उदासीन है। राज्य में 1974 में 110 किमी लंबी एक रेल परियोजना शुरू हुई। आप जानकर हैरत में रह जाएँगे कि 46 साल में यह परियोजना महज 42 किमी ही पूरी हो पाई है।
हमें यकीन है कि ये महिलाएँ अपनी ऊर्जा बेफिजूल चिल्लाकर बर्बाद नहीं करती होंगी। इन्हें सरकारी योजना के तहत केवल दियासलाई की लालसा नहीं रहती होगी। ये पारिवारिक आय के लिए सिर्फ़ किसी पुरूष पर आश्रित नहीं रहती होंगी।
एक साल में 'वन्दे भारत एक्सप्रेस' ने 3.8 लाख किलोमीटर की यात्रा तय की है और 92.29 करोड़ रुपए की कमाई की है। इसे फरवरी 15, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को समर्पित किया था।
इस कार्यक्रम का मकसद देश के व्यस्ततम 400 रेलवे स्टेशनों पर तेज गति से फ्री पब्लिक वाईफाई सुविधा उपलब्ध करवाना था। इस प्रोजेक्ट को 2020 के मध्य तक पूरा किया जाना था। जून 2018 में ही यह लक्ष्य पूरा हो गया था।
आईआरसीटीसी ने कहा है कि स्टाफ ने पूजा के लिए ट्रेन की एक सीट पर श्री महाकाल की तस्वीरें रख दी थीं। यह सिर्फ ट्रेन के उद्घाटन के समय के लिए ही था। ट्रेन में कोई भी सीट श्री महाकाल के लिए आरक्षित नहीं होने जा रही है।
महाकाल एक्सप्रेस की शुरुआत 20 फरवरी से होनी है। ट्रेन की एक सीट भगवान महाकाल के लिए आरक्षित है, जिस पर शिव मंदिर बनाया गया है। ट्रेन के बी5 कोच की सीट नंबर 64 पर इस मंदिर को स्थापित किया गया है।
रेलवे ट्रैक्स के साथ-साथ बड़े सोलर पॉवर कैपेसिटी का सेट-अप किया जाएगा। इसके लिए सोलर पावर ग्रिड रेल पटरी के किनारे बनेगा। इसके अलावा, 150 ट्रेन पीपीपी मोड में चलाने का फैसला किया गया है। मतलब तेजस जैसे ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी।
मदरसा से शिक्षित आरोपित मुस्तफा को गिरफ़्तार किया गया है, जिसने ख़ुद से सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की पढ़ाई की और फिर अवैध कारगुजारियों में लग गया। वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि इस अवैध टिकटिंग रैकेट के तार टेरर फंडिंग से जुड़े हैं।