नासा के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर भले ही अंतरिक्ष में फंसे हों, लेकिन वे अमेरिकी लोकतंत्र में अपनी भागीदारी निभाने के लिए तैयार हैं।
नासा की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, स्वाति मोहन का परिवार संयुक्त राज्य अमेरिका में तब गया था जब वह सिर्फ एक साल की थीं। स्वाति शुरू में बाल रोग विशेषज्ञ बनना चाहती थीं, लेकिन अंत में वह नासा पहुँच गईं।
उन बुद्धिजीवियों के मुँह पर भी तमाचा पड़ा है जिन्हें मई 1988 में किए गए ऑपरेशन शक्ति पर आपत्ति थी। भारत तकनीकी विकास में कभी पीछे नहीं रहा। हमने अपने बलपर वह प्रत्येक तकनीक विकसित की है जो विश्व हमें नहीं देना चाहता था।
2012 में DRDO के प्रमुख वीके सारस्वत थे। एक दिन उन्होंने देश को चौंका दिया, यह घोषणा करके कि भारत के पास Low Earth Orbit और Polar Orbit में परिक्रमा करने वाले सैटेलाइट को निष्क्रिय करने लायक ऐंटी सैटलाइट वेपन की सारी तकनीक और उसे बनाने के लिए सारे कल-पूर्जे मौजूद हैं।
नरेन्द्र मोदी ने इस साल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ऐलान किया था कि 2022 तक तीन भारतीय अंतरिक्ष में भेजे जायेंगे। सरकार ने अब इसके लिए दस हजार करोड़ का बजट मंजूर कर दिया है।