अपने जिहादी लड़ाकों को वर्क फ्रॉम होम का फरमान सुनाने वाले आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) ने कोरोना महामारी को मूर्ति पूजा करने वाले देशों के लिए अल्लाह का जवाब बताया है। आईएसआईएस ने खुदा से अपील की है कि वह नास्तिकों पर कोरोना वायरस का कहर और ज्यादा बढ़ाए।
"हम अफगानिस्तान यह सोचकर आए थे कि 'खलीफा' के हिसाब से इस्लामी जीवन जी सकेंगे। लेकिन जब हम यहाँ पहुँचे, तो हमने महसूस किया कि लोग नमाज पढ़ने तक के लिए भी नहीं जा रहे थे।" आयशा का पति अब्दुल राशिद अब्दुल्ला भी आईएस को लेकर काफी निराश था। इसलिए उसने वहाँ आत्महत्या कर ली।
निमिषा एक डेंटल स्टूडेंट थी। जो केरल के तिरुवनंतपुरम इलाके की रहने वाली थी। इसने बिना अपनी माँ को बताए बेक्सिन नामक एक ईसाई से शादी की थी। बाद में दोनों ने इस्लाम कबूल लिया था और कट्टरपंथियों के बहकावे में आकर कट्टरपंथ की राह पर चल पड़े थे।
आतंकी संगठन ISIS ने लड़ाकों से कहा है, "जिहादी लड़ाके याद रखें, महामारी अपने आप नहीं आती, अल्लाह के फरमान से आती हैं। अल्लाह में भरोसा रखना है और उसी से इस बीमारी से लड़ने की दुआ माँगनी है।" साथ ही खतरा टलने तक घर से ही काम करने की सलाह दी है।
“इस चरमपंथी समूह के विचारों से डर फैलता है जिससे लोग डरते हैं और घबराते हैं। अगर हम डरते हैं और घबराते हैं, तो वे जीत जाते हैं। हम इस धमकी का जवाब नहीं देंगे।”
महबूब पाशा ने हथियार खरीदे। शरीफ ने अपने घर में इन्हें इकट्ठा किया। मोइदीन और उसके साथी बीते साल ट्रेनिंग के लिए देश से बाहर गए। फिर हिंसक जिहाद छेड़ने के लिए लौट आए। इससे पहले कि वे अपने मॅंसूबे में कामयाब होते दबोच लिए गए।
आतंकी अबू मूसा इससे पहले भी इस तरह की कई घटनाओं को अंजाम दे चुका है। पिछले माह में उसने जेल वार्डन अमल करमाकर पर पीवीसी पाईप से हमला किया था। इस हमले में गंभीर रूप से घायल वार्डन को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।
पुलिस के अनुसार, आईएसआईएस से जुड़े चार मुस्लिम युवक रामनाथपुरम जिले के देवीपट्टनम में आईएस के लिए युवाओं की भर्ती करने और आतंकी संगठन के लिए फंड जुटाने के लिए इकट्ठा हुए थे।
ISIS की न्यूज एजेंसी अमाक ने एक वीडियो जारी किया है। इसमें आठ साल का लड़का एक ईसाई बंधक को गोली मारता नजर आ रहा है। साथ ही ईसाइयों को धमकी भी दे रहा है। एक अन्य घटना में आतंकियों ने पादरी का सिर कलम कर दिया।
आमिर अल सल्बी के इशारे पर ही इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट का खिलाफत कायम होने के बाद यजीदी बच्चियों और महिलाओं से रूह कॅंपा देने वाले अत्याचार अंजाम दिए गए थे। उनसे बार-बार रेप किया गया और उन्हें सेक्स स्लेव बनाकर रखा गया।