Saturday, April 20, 2024
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ISIS की दो जिहादी औरतें अफगानिस्तान से लौटना चाहती हैं भारत, बशर्ते उन्हें जेल न हो

पिछले साल 900 आतंकियों ने अफगान सुरक्षाबलों के आगे सरेंडर किया था। इनमें से करीब 10 आतंकी भारत से थे और इनमें भी अधिकतर केरल से थे। साल 2016 में कई आतंकी केरल से अफगान गए थे। कुछ अपने साथ अपने पूरे परिवार को ले गए थे, जबकि कुछ अकेले चले गए थे।

ISIS में शामिल होने के लिए केरल से भागकर अफगानिस्तान जाने वाली 2 जिहादी औरतें अब भारत लौटना चाहती हैं। इनका नाम निमिषा उर्फ़ फातिमा और सोनिया उर्फ़ आयशा है। इनका कहना है कि इनके शौहरों को अफगानिस्तान में मार दिया गया है।

सोनिया ने बताया कि वह अफगानिस्तान में अपने जीवन से बहुत असंतुष्ट है। वे अपने पति के परिवार के पास वापस लौटना चाहती है। जबकि निमिषा का कहना है कि वो अपनी माँ बिंदु संपथ से मिलना चाहती है, बशर्ते उसे गिरफ्तार न किया जाए।

गौरतलब है कि पिछले साल 900 आतंकियों ने अफगान सुरक्षाबलों के आगे सरेंडर किया था। इनमें से करीब 10 आतंकी भारत से थे और इनमें भी अधिकतर केरल से थे। साल 2016 में कई आतंकी केरल से अफगान गए थे। कुछ अपने साथ अपने पूरे परिवार को ले गए थे, जबकि कुछ अकेले चले गए थे।

इन आतंकियों ने अफगानिस्तान के पूर्वी प्रान्त नंगरहार में सरेंडर किया था, जहाँ अफगान सुरक्षाबलों ने ISIS के ख़िलाफ़ अभियान छेड़ा हुआ था। ये अभियान 12 नवंबर को जारी हुआ था। जिसके शुरु होने के कुछ ही घंटों के बाद 93 आतंकियों ने सुरक्षाबल के आगे आत्मसमर्पण कर दिया था।

यहाँ बता दें, कि ऐसी स्थिति में भारत आने की इच्छा जताने वाली दोनों लड़कियाँ भी भारत से 2016 में ISIS ज्वाइन करने के लिहाज से अफगानिस्तान गई थीं। इन दोनों लड़कियों ने कॉलेज के समय में इस्लाम धर्म अपनाया था। बाद में निमिषा ने ईसा से निकाह किया था और सोनिया ने अब्दुल राशिद से।

निमिषा एक डेंटल स्टूडेंट थी। जो केरल के तिरुवनंतपुरम इलाके की रहने वाली थी। इसने बिना अपनी माँ को बताए बेक्सिन नामक एक ईसाई से शादी की थी। बाद में दोनों ने इस्लाम कबूल कर लिया था और कट्टरपंथियों के बहकावे में आकर कट्टरपंथ की राह पर चल पड़े थे। निमिषा उन 21 लोगों में से थी जिन्होंने ISIS ज्वाइन करने के लिए केरल छोड़ा था।

इसके अलावा इंजीनियर अब्दुल राशिद और उसकी एमबीए पत्नी सोनिया उर्फ आयशा दोनों पीस एड्यूकेशनल फाउंडेशन के लिए काम करते थे। जिसकी देखरेख में 10 स्कूल चलते थे। इस दंपत्ति पर आरोप था कि इन्होंने पदन्ना, पलक्कड़ और त्रिकिपुर में 22 छात्रों को कट्टरपंथ के राह पर ढकेला था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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