जो चैतन्य महाप्रभु की भूमि थी, उसे पहले 1946 के नरसंहार के बाद खंडित किया गया और अब भी वहाँ शरिया ही चलाया जा रहा है। सीरिया से लेकर तमिलनाडु तक ऐसे उदाहरण भरे पड़े हैं। मोपला से लेकर चोपरा तक, खून हिन्दुओं का ही बहता है।
मीडिया रिपोर्ट्स में इन आईएसआईएस आतंकियों की पहचान एशिया R.A. और ट्वाना H.S. के रूप में हुई है। जर्मनी में दोनों को रेगेन्सबर्ग और दक्षिणी बवेरिया के रोथ जिले से गिरफ्तार किया गया।