“व्यक्तिगत रूप से मैं कपिल सिब्बल पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूँगा। मगर मैं यह जरूर बताना चाहूँगा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद वो मेरे आवास पर आए थे। वह तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर सुप्रीम कोर्ट का समर्थन माँगने आए थे। मैंने उन्हें अपने घर में आने ही नहीं दिया था।”
कॉन्ग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने भी कहा है कि CAA लागू करने से राज्य इनकार नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप नहीं किया तो CAA क़ानून की किताब में क़ायम रहेगा। जो क़ानून की किताब में है उसे सभी को मानना होगा।
लोकसभा के बाद बुधवार (11 दिसंबर) को राज्यसभा में लंबी बहस के बाद नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पास हो गया है। इस विधेयक की वोटिंग में कुछ 230 वोट पड़े। जिसमें विधेयक के पक्ष में 125 और विरोध में 105 वोट पड़े थे।
कपिल सिब्बल ने कहा कि सबसे पहले टू नेशन थ्योरी वीर सावरकर ने दी थी। इसके बाद सिब्बल ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए (प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के लिए असंसदीय शब्दों का प्रयोग भी) कहा कि...
लगभग 98 दिन हिरासत में बिताने के बाद अब पूर्व वित्त मंत्री परेशान हो चुके हैं। जिसके कारण उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में जजों के सामने अपनी याचिका फिर खारिज होने पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की 3 जजों की पीठ से कहा, "हाई कोर्ट ने सबूतों से छेड़छाड़ और मेरे भाग निकलने के डर से मेरी जमानत याचिक खारिज कर दी है।"
15 नवंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने चिदंबरम को जमानत देने से इनकार कर दिया था। साथ ही कहा था कि उनके ऊपर लगे आरोप पहली नजर में गंभीर प्रकृति के हैं और अपराध में उनकी भूमिका भी सक्रिय व प्रमुख रही है।
राज्यपाल को समर्थन से जुड़े अपेक्षित पत्र को न दिखा पाने की स्थिति में उन्होंने तीसरी सबसे बड़ी पार्टी NCP के प्रमुख शरद पवार को राज्य में सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। लेकिन, इसकी भी संभावना नहीं है कि NCP सरकार बनाने में...
"इस तरह के मामले में, ऐसी आशंका क्यों नहीं हो सकती कि पूरा क्षेत्र या स्थान अशांत हो सकता है?" इस पर सिब्बल ने तर्क दिया कि अधिकारियों द्वारा संचार और परिवहन व्यवस्था समेत अनेक पाबंदियाँ लगाना अधिकारियों का बेजा इस्तेमाल था।
सिब्बल ने दावा किया था कि यह सब ट्वीट करने के पहले ही बरखा दत्त को चैनल से बर्खास्त किया जा चुका है। इसके पीछे उन्होंने कारण अनुशासनहीनता बताया था। इसके अलावा उन्होंने दत्त को एक भी पैसा देने से साफ़ इनकार कर दिया था।
बरखा ने आरोप लगाया था कि कपिल सिब्बल की पत्नी प्रोमिला सिब्बल तिरंगा टीवी में कार्यरत महिला कर्मचारियों को “कुतिया” या “बिच” कह कर बुलाती थीं। सिब्बल दम्पति के ख़िलाफ़ बरखा ने सिविल सूट दायर कर रखा है।