Tuesday, May 7, 2024
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सिब्बल बोले- 90 दिन से जेल में हैं चिदंबरम, जल्दी करिए सुनवाई: CJI की पीठ ने कहा- देखेंगे

चिदंबरम पर इस मामले में लगभग ढाई साल पहले 15 मई 2017 को मामला दर्ज हुआ था। 21 अगस्त 2019 को उन्हें उनके घर से सीबीआई ने गिरफ्तार किया। इस मामले में गत माह 22 तारीख को उन्हें जमानत मिल गई थी, लेकिन ईडी द्वारा गिरफ्तारी के कारण वे बाहर नहीं आ सके।

INX मीडिया मामले में पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की है। सोमवार को उनकी तरफ से वकील और कॉन्ग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अगुआई वाली पीठ के समक्ष याचिका पर जल्द सुनवाई का अनुरोध किया है।

उन्होंने पीठ से कहा कि पूर्व वित्त मंत्री पिछले 90 दिनों से जेल में हैं और उनकी जमानत याचिका पर मंगलवार या बुधवार को सुनवाई होनी चाहिए। इसके बाद पीठ ने सिब्बल से कहा कि हम देखेंगे कि केस को मंगलवार या बुधवार को सूचीबद्ध किया जाए।

गौरतलब है कि बीते दिनों 15 नवंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा INX मीडिया से जुड़े धनशोधन के मामले में चिदंबरम को जमानत देने से इनकार कर दिया था। साथ ही कहा था कि उनके ऊपर लगे आरोप पहली नजर में गंभीर प्रकृति के हैं और अपराध में उनकी भूमिका भी सक्रिय व प्रमुख रही है।

चिदंबरम पर इस मामले में लगभग ढाई साल पहले 15 मई 2017 को मामला दर्ज हुआ था। 21 अगस्त 2019 को उन्हें उनके घर से सीबीआई ने गिरफ्तार किया। इस मामले में गत माह 22 तारीख को उन्हें जमानत मिल गई थी, लेकिन ईडी द्वारा गिरफ्तारी के कारण वे बाहर नहीं आ सके। इसके बाद उन्होंने जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

चिदंबरम ने यह कहते हुए जमानत का अनुरोध किया था कि साक्ष्य दस्तावेजी प्रकृति के हैं और ये जाँच एजेंसियों के पास हैं, इसलिए वे उनमें छेड़छाड़ नहीं कर सकते। ईडी ने उनकी याचिका का विरोध करते हुए कहा कि वह भले ही दस्तावेजी साक्ष्यों से छेड़छाड़ न कर पाएँ, लेकिन वे गवाहों को प्रभावित करने तथा धमकी देने की कोशिश कर सकते हैं। चिदंबरम ने सीबीआई मामले में जमानत मिलने के 22 अक्टूबर के आदेश का भी हवाला दिया था और कहा था कि भ्रष्टाचार के मामले में उनके खिलाफ साक्ष्य से छेड़छाड़ करने, विदेश भागने और गवाहों को प्रभावित करने का कोई सबूत नहीं है। इसके बाद हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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