पीठ ने कहा कि राज्यपाल खुद कोई फैसला नहीं ले रहे थे बल्कि केवल फ्लोर टेस्ट करने को कह रहे थे। अदालत ने कॉन्ग्रेस की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी के इस तर्क को खारिज कर दिया कि अगर सदन चल रहा हो तो राज्यपाल आदेश पारित नहीं कर सकते।
गिरफ्तार आरोपितों ने अपने बयान में कहा है कि उन्होंने "समोसे वाली चाची" के उकसाने पर पथराव किया था। आरोपितों ने पूछताछ में कुबूला कि मुबारिक की अम्मी (समोसे वाली चाची) के घर में स्वास्थ्यकर्मी स्क्रीनिंग कर रहे थे, तभी चाची ने आवाज लगाई। इस पर भीड़ जुट गई। इसके बाद चाची ने डॉक्टरों को धमकाया और भीड़ को उकसाया। इसके बाद पथराव शुरू हुआ।
"सरकार अभिभाषण के ठीक बाद बहुमत साबित करे। विश्वास मत विभाजन के आधार पर बटन दबाकर होगा, अन्य किसी तरीके से नहीं। इसकी संपूर्ण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई जाए। यह कार्यवाही हर हाल में 16 मार्च को प्रारंभ होगी और स्थगित, विलंबित या निलंबित नहीं की जाएगी।"