सतना में 2 मासूमों की अपहरण के बाद हत्या की घटना ठीक ऐसे समय पर घटी है, जब मध्य प्रदेश सरकार अधिकारियों के तबादलों में व्यस्त थी। 12 फरवरी को चलती स्कूल बस से अगवा किए गए जुड़वाँ भाई श्रेयांश और प्रियांश रावत के शव 13 दिन बाद बरामद हुए हैं।
विधायक अधिकारियों के तबादले को लेकर नाराज़ हैं। उनका कहना है कि सरकार बिना उन्हें भरोसे में लिए उनके क्षेत्र के अधिकारियों का तबादला कर रही है। इसके अलावा भूमिपूजन व शिलान्यास कार्यक्रमों में भी विधायकों की उपेक्षा की जा रही है।
इन पोस्टरों में राहुल गाँधी नरेंद्र मोदी पर निशाना लगा रहे हैं। जी हाँ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रावण के रूप में दिखाया गया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ को 'गौ भक्त' हनुमान के रूप में दिखाया गया है।
इस प्रदर्शन के दौरान एनसीपी के कार्यकर्ताओं नें कुत्तों के गले में पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की तख्तियाँ डाली। साथ ही सरकार पर आरोप मढ़ा कि सरकार ने सीबीआई का दुरुपयोग किया है।
घर खाली करने की बात सामने आने के बाद बच्ची के पिता ने कहा कि उन्हें डर है कि अगले शैक्षणिक सत्र में उनके बच्चों को स्कूल से निकाल दिया जाएगा। उन्होंने कहा, "मैं ₹4.5 लाख की फीस नहीं दे सकता हूँ।"
रामकुमार सिंह के पिता के नाम पर ₹9,547 का कर्ज़ जबकि उनके नाम पर ₹70,481 का कर्ज़ लिख दिया गया। जबकि उन्होंने चने की फसल के लिए केवल ₹17,000 का कर्ज़ लिया था, उनके पिता ने कोई कर्ज़ नहीं लिया था।
जिन लोगों ने गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम स्थल पर भगदड़ को रोकने में मदद की और बच्चों को बचाया, उनका कहना है कि पुलिस ने दबाव में आकर उन्हें भी इस मामले में आरोपी बना दिया है।
बच्चे गदर फ़िल्म के एक गाने को प्रस्तुत कर रहे थे। इसी दौरान 'विशेष संप्रदाय' कुछ लोगों ने देश विरोधी नारे लगाने शुरू कर दिए। इससे वहाँ भगदड़ की स्थिति बन गई। अफसोस, बात यहीं नहीं रुकी और...