कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को पश्चिम बंगाल सरकार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की रिपोर्ट के जवाब में अपना पूरा हलफनामा दाखिल करने के लिए 31 जुलाई तक का समय दिया।
शुभेन्दु अधिकारी का यह कहना था कि भले ही उन्हें केन्द्रीय सुरक्षा प्राप्त है लेकिन पायलट कार, रूट लाइनिंग और सार्वजनिक सभाओं के दौरान विभिन्न स्थानों के निरीक्षण के लिए उन्हें राज्य की सहायता की भी आवश्यकता है।
ममता ने कहा कि केंद्र सरकार ऐसे आदमी को राज्यपाल के पद पर क्यों बने रहने देना चाहती है? ममता ने यह भी दावा किया कि एक पत्रकार ने उन्हें जैन हवाला मामले में राज्यपाल धनखड़ के शामिल होने के बारे में पूरी डिटेल भेजी है।
मित्रा ने कहा, "जगदीप धनखड़ (राज्यपाल) जहाँ भी जाता है, वहाँ उसे काले झंडे दिखाए जाते हैं। अगर यह एक फिल्म का सीन होता, तो एक भौंकने वाला काला कुत्ता दिखाया जाता।''
अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सलाहकार की भूमिका निभा रहे बंदोपाध्याय से कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय (डीओपीटी) द्वारा आरोपों का उल्लेख करते हुए भेजे गए ज्ञापन का 30 दिनों के अंदर जवाब भेजने को कहा गया है।