"शिक्षा प्रणाली को बदला जाना चाहिए, और यह लोगों द्वारा किया जा सकता है, क्योंकि भारत में शिक्षा प्रणाली पूरी तरह से सरकार द्वारा नियंत्रित नहीं है और समाज का भी इस पर कुछ नियंत्रण है। अगर समाज को लगता है कि शिक्षा प्रणाली में बदलाव होना चाहिए, तो..."
भागवत ने कहा कि देश में आज जो हालात हैं, उन्हें देखते हुए सभी प्रचारकों को काफी सतर्क रहने की जरूरत है। कहीं भीड़ हिंसा के नाम पर सियासत करके समाज में घृणा फैलाने का काम किया जा रहा है, तो कहीं गाय के नाम पर। कुछ राज्यों में तो योजना के तहत धर्म परिवर्तन भी करवाया जा रहा है।
"भारत में हुए सारे आतंकी हमलों के लिए मोहन भागवत ही ज़िम्मेदार हैं, चाहे वो 26/11 का मुंबई हमला हो या फिर पुलवामा हमला। इतिहास में महात्मा बुद्ध और महावीर ने ब्राह्मणवादी जातिवाद के ख़िलाफ़ लड़ाइयाँ लड़ी थीं। तुम एक राष्ट्रवादी नहीं हो, एक रेसिस्ट और हत्यारे हो।"
मोहन भागवत ने संघ के एक कार्यक्रम में कहा कि राम का काम करना है और राम का काम होकर रहेगा। हालाँकि उन्होंने स्पष्ट नहीं किया कि उनका ये बयान किस संदर्भ में था