Saturday, October 12, 2024
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100 खंडहर मंदिरों का निर्माण, गंगा की तर्ज पर तावी और झेलम तट पर आरती: BJP के संकल्प पत्र में जम्मू-कश्मीर को ‘पुरानी सभ्यता’ लौटाने का वादा

दीपावली, लोहड़ी महाशिवरात्रि, बसंत पंचमी जैसे लोकप्रिय हिंदू त्योहारों के अलावा स्थानीय पर्व-त्योहारों के आयोजन में सहायता प्रदान करने की बात कही गई है। इनमें सांबा में आठ दिवसीय रथ खड़ा मेला, कार्तिक पूर्णिमा से पहले पंजभीखम (भीष्म पंचक) के रूप में तुलसी पूजा की पाँच दिवसीय उत्सव आदि प्रमुख हैं।

जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद एक बार फिर से विधानसभा का चुनाव होने जा रहा है। चुनावों की तारीख तय हो चुकी है। विभिन्न राजनीतिक दल अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर रहे हैं। इस बीच भाजपा ने जम्मू-कश्मीर चुनाव के लिए अपना संकल्प पत्र जारी कर दिया है। इस संकल्प पत्र में धार्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार, भग्नावेश मंदिरों का पुनर्निमाण को प्राथमिकता दी है।

पार्टी का संकल्प पत्र जारी करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार (6 सितंबर 2024) को कहा कि अनुच्छेद 370 इतिहास बन चुका है और ये कभी लौटकर नहीं आ सकता है, क्योंकि यही वो विचारधारा थी जो युवाओं के हाथों में पत्थर थमाती थी। उन्होंने कहा कि अन्य राजनीतिक दल तुष्टीकरण की राजनीति में लिप्त रहे और वे अलगाववाद के लिए जिम्मेदार हैं। 

बता दें कि जम्मू-कश्मीर से 5 अगस्त 2019 अनुच्छेद 370 खत्म करके जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्रशासित प्रदेश बना दिया गया है। उसके बाद से वहाँ विधानसभा के चुनाव नहीं हुए हैं। अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद यह राज्य का पहला विधानसभा चुनाव है। गृहमंत्री शाह ने कहा, “मैंने पहले ही कहा है कि राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा। इस पर कोई भ्रम नहीं होना चाहिए।”

अमित शाह ने यह भी कहा कि आर्टिकल 370 की छाया में जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद पनपा है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि एक के बाद एक सरकारें अलगाववादियों के आगे झुकती रहीं। पाकिस्तान को लेकर उन्होंने कहा कि बातचीत और बम धमाके एक साथ नहीं चल सकते। उन्होंने साफ कह दिया भारत अब पाकिस्तान से बातचीत के पक्ष में नहीं है।

भाजपा के संकल्प पत्र की प्रमुख बातें

भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में जम्मू-कश्मीर को ‘पुरानी सभ्यता’ की ओर लौटने की बात कही है। पार्टी ने जम्मू-कश्मीर को ‘टेररिस्ट हॉटस्पॉट’ से ‘टूरिस्ट स्पॉट’ बनाने की घोषणा की है। पार्टी ने ‘ऋषि कश्यप तीर्थ पुनरुत्थान अभियान’ के तहत हिंदू मंदिरों और धार्मिक स्थलों के पुनर्निर्माण की बात कही है।

इसके साथ ही खंडहर बन चुके 100 मंदिरों का पुनर्निर्माण किया जाएगा। संकल्प पत्र में आगे कहा गया है कि धार्मिक एवं आध्यात्मिक संगठनों की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से शंकराचार्य मंदिर (ज्येष्ठेश्वर मंदिर), रघुनाथ मंदिर और मार्तंड मंदिर सहित अन्य मौजूदा मंदिरों का और अधिक विकास किया जाएगा।

भाजपा ने जम्मू क्षेत्र की सांस्कृतिक एवं सभ्यतागत प्रकृति सुरक्षित रखने का भी वचन दिया है। इस संभाग में धार्मिक सर्किट बनाने का वादा किया गया है। इसके साथ ही वैष्णो देवी तीर्थस्थल, रघुनाथ मंदिर, पीर खो गुफा मंदिर, शिवखोरी और मचैल माता मंदिर में आधुनिक सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।

दीपावली, लोहड़ी महाशिवरात्रि, बसंत पंचमी जैसे लोकप्रिय हिंदू त्योहारों के अलावा स्थानीय पर्व-त्योहारों के आयोजन में सहायता प्रदान करने की बात कही गई है। इनमें सांबा में आठ दिवसीय रथ खड़ा मेला, कार्तिक पूर्णिमा से पहले पंजभीखम (भीष्म पंचक) के रूप में तुलसी पूजा की पाँच दिवसीय उत्सव आदि प्रमुख हैं।

भाजपा ने कहा कि सत्ता में आने के बाद वह बूढ़ा अमरनाथ, माता वैष्णो देवी, शारदा देवी पीठ, मचैल माता पीठ, नांगली साहिब पूंछ गुरुद्वारा सहित विभिन्न मंदिरों, गुरुद्वारों, दरगाहों तक पर्यटक विकास परिपथ बनाए जाएँगे। इसी तरह गंगा आरती की तर्ज पर तवी नदी पर तवी आरती और कश्मीर में झेलम तट पर वितस्ता आरती की शुरुआत करने की घोषणा की है।

पार्टी ने राज्य में सत्ता में आने पर विस्थापितों के लिए ‘टीकानाथ टपलू विस्थापित समाज पुनर्वास योजना’ शुरू करने की बात कही है। इस योजना के माध्यम से कश्मीरी पंडितों, पश्चिमी कश्मीर के शरणार्थियों, वाल्मीकि, गोरखाओं सहित अन्य विस्थापित लोगों की सुरक्षित वापसी और उनके पुनर्वास में तेजी लाने की बात कही गई है।

इसके साथ जम्मू संभाग के विस्थापित लोगों को भी वे सभी उचित लाभ, सुरक्षा और संरक्षण देने की बात कही है, जो कश्मीरी विस्थापितों को मिलती हैं। संकल्प पत्र में आतंकवाद और अलगाववाद का पूर्ण सफाया करने की बात कही गई है। आतंकवाद पीड़ितों को जल्दी न्याय दिलाने का भी वादा किया गया है।

इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर में अवैध रोहिंग्या एवं बांग्लादेशी बस्तियों से निपटने के लिए सख्त अभियान चलाने का वादा किया गया है। भाजपा ने राज्य में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जनगणना कराने की बात भी कही है, ताकि समावेशी विकास के लिए उचित निर्णय लिया जा सके तथा कमजोर समुदायों पर केंद्रित लक्ष्य किया जा सके।

इस तरह अपने घोषणा पत्र में भाजपा ने कुल 25 संकल्प लिए हैं, जो सत्ता में आने के बाद उन्हें प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा। इनमें विधवा पेंशन में बढ़ोत्तरी से लेकर मेडिकल एवं कॉलेजों के निर्माण, सड़क का विस्तार, मेट्रो का परिचालन शुरू करने की बात, MSME स्थापना और हर्बल हब, आईटी हब आदि बनाने की बात कही गई है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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