CCTV फुटेज में देखा गया कि आरोपित महिलाओं के पहले करीब जाता है, उन्हें दबोचता है और फिर उन्हें किस करके वहाँ से भाग जाता है। हबिबूर की हरकतें कैमरे में रिकॉर्ड होने के बाद पुलिस ने ये एक्शन लिया।
देश में एक ऐसा प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थान है, जहाँ वामपंथियों ने JNU से भी ज़्यादा तबाही मचा रखी है। निर्भया का बलात्कारियों के समर्थन से लेकर सेना को बलात्कारी और हिंसक बता तक, वहाँ के वामपंथी छात्र और प्रोफेसर घृणा की नई इबारत लिख रहे हैं। TISS में वामपंथियों की साज़िश का भंडाफोड़।
मुंबई के आज़ाद मैदान में आयोजित रैली में सीएए और एनआरसी के विरोध के नाम पर लोगों ने न सिर्फ़ शरजील इमाम के समर्थन में नारे लगाए गए बल्कि कई बैनर-पोस्टरों में कश्मीर को ‘आज़ादी’ देने की माँग की गई थी।
इस रैली में न सिर्फ़ शरजील इमाम के समर्थन में नारे लगाए गए बल्कि जम्मू कश्मीर की 'आज़ादी' की भी बात कही गई। 'राजीव तेरे सपनों को, रावण तेरे सपनों को, पायल तेरे सपनों को- हम मंज़िल तक पहुँचाएँगे' जैसे भड़काऊ नारे लगाए गए।
"1919 में दूसरे विश्व युद्ध के खत्म होने बाद अंग्रेज यह समझ गए थे कि हिंदुस्तान में उनके खिलाफ असंतोष बढ़ रहा है। ऐसे में उन्होंने रॉलेट एक्ट जैसे कानून को भारत में लागू किया। वर्ष 1919 के इस रॉलेट एक्ट और 2019 के नागरिकता संशोधन कानून को अब इतिहास के काले कानून के रूप में जाना जाएगा।"
एएमयू में 12 दिसंबर को करीब 600 छात्रों को संबोधित करने के दौरान डॉ. खान ने कहा था कि मोटाभाई सबको हिंदू या मुस्लिम बनना सिखा रहे हैं। उसने भीड़ को उकसाते हुए कहा था कि यह हमारे अस्तित्व की लड़ाई है। हमें लड़ना होगा।
हॉस्टल में रहने वाले छात्रों के लिए 15 बिंदुओं वाली नियमावली जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि यहॉं रहने वाले लोग किसी भी देश विरोधी, गैर सामाजिक या किसी अवांछनीय गतिविधियों का हिस्सा नहीं बनेंगे।
इन पोस्टर पर साफ तौर से ‘Support Sharjeel Imam’ लिखा हुआ देखा जा सकता है। शरजील इमाम शाहीन बाग में हो रहे विरोध प्रदर्शन का मास्टरमाइंड है और उसने अलीगढ़ में एक सभा के दौरान भारत को तोड़ने वाला देशद्रोही बयान दिया था।
महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई तरह की सियासी हलचल शुरू हो गई है। मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने बाला साहब की जयंती पर पार्टी के पहले अधिवेशन में पार्टी का भगवा झंडा लॉन्च कर दिया है। इतना ही नहीं राज ठाकरे ने अपने बेटे अमित ठाकरे को सक्रीय राजनीति में उतार दिया है। इस दौरन समर्थक जय शिवाजी, जय भवानी के नारे लगाते हुए जोश में दिखाई दिए।
प्रोफेसर सोमेन ने कहा था, “आप वास्तव में सावरकर नहीं हैं, आपके अंदर उनके कोई गुण मोजूद नहीं हैं। सच तो यह है कि आप एक सच्चे गाँधी ही नहीं हैं…।” इसके विरोध में NSUI के प्रदर्शन के बाद यूनिवर्सिटी ने उन्हें अवकाश पर जाने का आदेश दिया था।