Sunday, November 10, 2024
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गोरखपुर का डॉ. कफील खान मुंबई से गिरफ्तार, AMU में दिया था भड़काऊ भाषण

खान ने कहा था कि आरएसएस के स्कूलों में बच्चों को बताया जाता है कि दाढ़ी रखने वाले लोग आतंकवादी होते हैं। उसने कहा कि CAA लाकर सरकार यह दिखाना चाहती है कि भारत एक देश नहीं है।

उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स ने बुधवार (जनवरी 29, 2020) को गोरखपुर के डॉक्टर कफील खान को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मुंबई से गिरफ्तार किया। डॉ. कफील ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ 12 दिसंबर को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में भड़काऊ भाषण दिया था। 13 दिसंबर को उसके खिलाफ अलीगढ़ के सिविल लाइन्स पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 153-A के तहत केस दर्ज किया गया और अब इसी मामले में उसकी गिरफ्तारी हुई है।

कफील खान गुरुवार को एक प्रदर्शन में शामिल होने के लिए मुंबई गया था। लेकिन, मुंबई पहुँचते ही उसे UPSTF ने उसे गिरफ्तार कर लिया। जानकारी के अनुसार, STF की टीम उसे लखनऊ लेकर आ चुकी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एएमयू में 12 दिसंबर को बाब-ए-सैयद गेट पर करीब 600 छात्रों को संबोधित करने के दौरान डॉ. खान ने बिना नाम लिए कहा कि मोटाभाई’ सबको हिंदू या मुस्लिम बनना सिखा रहे हैं, लेकिन इंसान बनना नहीं। उन्होंने आगे कहा कि जब से आरएसएस का अस्तित्व हुआ है, उन्हें संविधान में भरोसा नहीं रह गया। खान ने कहा था कि CAA मुस्लिमों को सेकेंड क्लास सिटिजन बनाता है और एनआरसी लागू होने के साथ ही लोगों को परेशान किया जाएगा। उसने भीड़ को उकसाते हुए कहा था कि यह हमारे अस्तित्व की लड़ाई है। हमें लड़ना होगा।

इसके अतिरिक्त खान ने यह भी आरोप लगाया कि आरएसएस के स्कूलों में बच्चों को बताया जाता है कि दाढ़ी रखने वाले लोग आतंकवादी होते हैं। उसने कहा कि CAA लाकर सरकार यह दिखाना चाहती है कि भारत एक देश नहीं है। एफआईआर में कहा गया कि खान ने शांतिपूर्ण माहौल को भंग करने की कोशिश की।

डॉक्टर कफील खान 2017 में गोरखपुर के राजकीय बीआरडी अस्पताल में बच्चों की मौत के बाद चर्चा में आया था। इस मामले में वह सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था और करीब 7 महीने तक जेल में भी रहा। अप्रैल 2018 में हाई कोर्ट ने उसे जमानत दी थी। अपने निलंबन को लेकर चल रही जॉंच को भी उसने कोर्ट में चुनौती दी थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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