जब डेरा सच्चा सौदा के मुखिया की गिरफ्तारी को लेकर हिंसा हुई तो किसी ने उसे पूरे हिन्दू समाज से नहीं जोड़ा। पटियाला में कुछ सिरफिरे निहंगों ने पुलिस वालों पर हमला लिया तो किसी ने उसे पूरे सिख समाज से नहीं जोड़ा। तो फिर तबलीगी जमात का नाम लेने पर उसे सारे समुदाय को निशाना बनाना कैसे और क्यों माना जा रहा है?
कॉन्ग्रेस ने वीपी सिंह के खिलाफ अरुण गोविल से चुनाव प्रचार करवाकर इलाहाबाद के मतदाता की भावना भड़काने की कोशिश की थी। इलाहाबाद उपचुनाव उस समय हॉट टॉपिक था और राजीव गाँधी अपनी छवि को हिंदुओं के बीच बेहतर जताने का भी प्रयास कर रहे थे।
"मुझे लगता है कि उद्धव ठाकरे ने सही रुख अपनाया है। शिवसेना के साथ हमारा गठबंधन विचारों पर आधारित था। उन्हें कॉन्ग्रेस और एनसीपी के दबाव की चिंता नहीं करनी चाहिए। यदि वे सरकार से निकल जाते हैं तो इस मुद्दे पर हम सरकार का साथ देंगे।"
सरकार के मंत्री और कॉन्ग्रेस नेता असलम शेख ने कहा कि यह MVA के सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम का एक हिस्सा था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुस्लिमों के लिए नौकरियों और प्रमोशन में आरक्षण शिवसेना के नेतृत्व वाले महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (MVA) सरकार के एजेंडे में है।
सवाल मुस्लिमों की अल्पसंख्यक बने रहने में रूचि को लेकर है। किसी देश में अल्पसंख्यक होना, उस देश की कृपा और मेहरबानी पर आश्रित होने जैसा भाव देता है। बावजूद इसके भारत में अल्पसंख्यक होना एक अवसर माना जाता रहा है। तो क्या अवसरवादिता के लिए...