Saturday, April 20, 2024
Homeराजनीतिटीपू सुल्तान पर भी शिवसेना का बदला 'सिलेबस': कभी कहा था हिन्दुओं का संहारक,...

टीपू सुल्तान पर भी शिवसेना का बदला ‘सिलेबस’: कभी कहा था हिन्दुओं का संहारक, अब दे रही विनम्र श्रद्धांजलि

महाराष्ट्र में कॉन्ग्रेस के साथ गठबंधन करने से पहले शिवसेना के विचार टीपू सुल्तान को लेकर एकदम उलट थे। यहाँ तक कि शिवसेना के नेता कर्नाटक सरकार तक को भी टीपू को लेकर किसी फैसले पर आसानी से नहीं छोड़ते थे।

शिवसेना को महाराष्ट्र की सत्ता में बने रहने के लिए ‘घोड़ा-चतुर’ करते हुए दिन गुजारने पड़ रहे हैं। उसने साबित कर दिया है कि उसकी राजनीतिक विचारधारा महज सत्ता की दिशा के ही अनुकूल रहती है। शिवसेना ने अपने राजनीतिक इतिहास में सबसे नई फजीहत टीपू सुल्तान को लेकर कमाई है।

दरअसल, सुल्तान फतेह अली खान सहाब यानी कि टीपू सुल्तान (Tipu Sultan) की मौत मई 04, 1799 को हुई थी। लेकिन मुद्दा टीपू की मौत नहीं बल्कि शिवसेना नेताओं द्वारा टीपू को दी जा रही श्रद्धांजलि वाले पोस्टर हैं।

सोशल मीडिया पर आज एक ऐसा ही पोस्टर सबके बीच चर्चा का विषय बना हुआ है

उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र की सत्ता की चाह में पहले बाल ठाकरे की विरासत और विचारधारा के साथ समझौता किया और अब वह तुष्टिकरण की राह पर चल पड़ी है। शिवसेना ने उस कॉन्ग्रेस के साथ गठबंधन करना स्वीकार किया जिसे लेकर बाला साहब ठाकरे हमेशा आक्रामक ही नजर आते थे। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मनमोहन सिंह सरकार के समय वर्ष 2010 में बाल ठाकरे ने शिवेसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में एक आर्टिकल में लिखा था- “मुंबई सभी की है, लेकिन इटेलियन मम्‍मी की नहीं हो सकती।”

शिवसेना की आज ऐसी दुर्गति हुई है कि कुछ माह पहले वो इसी सोनिया गाँधी की कॉन्ग्रेस के पीछे गठबंधन की भीख माँगती देखी गई और मुंबई ही नहीं बल्कि पूरे महाराष्ट्र को कॉन्ग्रेस के हाथों सौंप दिया।

यही नहीं, बाल ठाकरे अक्सर कहा करते थे कि कॉन्ग्रेस को हिन्दुत्व शब्द से ही एलर्जी है और नेहरू-गाँधी परिवार सिर्फ कथित अल्पसंख्यकों को साधकर ही देश में राजनीति करता चला आ रहा है।

टीपू सुल्तान पर शिवसेना के विचार

महाराष्ट्र में कॉन्ग्रेस के साथ गठबंधन करने से पहले शिवसेना के विचार टीपू सुल्तान को लेकर एकदम उलट थे। यहाँ तक कि शिवसेना के नेता कर्नाटक सरकार तक को भी टीपू को लेकर किसी फैसले पर आसानी से नहीं छोड़ते थे।

2015 को ऐसी ही एक घटना में शिवसेना के सांसद अरविंद सावंत ने टीपू सुल्तान और मराठा नरेश छत्रपति शिवाजी के बीच तुलना पर भी आपत्ति जताई। तब उन्होंने कठोर स्वरों में कहा था, “टीपू सुल्तान एक निर्दयी शासक था जिसने हिंदुओं का जनसंहार किया और जिसका इस्लाम के अलावा किसी भी दूसरे धर्म के अस्तित्व में विश्वास नहीं था। उसने मंदिर और गिरिजाघर ध्वस्त कराए। और वे कहते हैं कि वह एक अच्छा शासक था?”

सावंत ने इस बात पर हैरानी जताई कि आजादी के इतने सालों बाद अचानक टीपू सुल्तान को याद किया जा रहा है और इसे कर्नाटक सरकार की विभाजनकारी नीति है बताया था। उनका कहना था कि यह मजहब या हिंदुओं का नहीं बल्कि देशभक्ति का सवाल है।

शिवसेना का सॉफ्ट हिंदुत्व के बाद तुष्टिकरण का मार्ग

महाराष्ट्र की सत्ता के लिए एक ओर जहाँ शिवसेना ने सॉफ्ट हिंदुत्व की नीति को अपनाया है वहीं उसकी नजर में अब तुष्टिकरण ही सत्ता में बने रहना का एकमात्र जरिया बनता जा रहा है। हाल ही में महाराष्ट्र के पालघर में हुई 2 साधुओं और उनके ड्राइवर को मॉब लिंचिंग को भी उद्धव ठाकरे सरकार ने महज ग़लतफ़हमी साबित करने का प्रयास किया है। यही नहीं, साधुओं की हत्या पर मौन सोनिया गाँधी से सवाल करने वाले रिपब्लिक भारत के संस्थापक अर्नब गोस्वामी के खिलाफ भी नफरत की भावना से केस चलाए गए और अनावश्यक पूछताछ की जा रही है।

मजहब विशेष के प्रति उद्धव ठाकरे की बदलती राय का अंदाजा महाराष्ट्र में सरकारी स्कूल और कॉलेज में समुदाय विशेष को 5% आरक्षण दिए जाने को लेकर उद्धव कैबिनेट द्वारा दिक्खाई गई हरी झंडी से भी लगाया जा सकता है।

खैर, टीपू सुल्तान अब निकल चुके हैं लेकिन ऐसे अभी कई अवसर आने बाकी हैं जब शिवसेना को अपनी ही कही बातों से पीछे हटना पड़ सकता है। राजनीति में यह इतनी बड़ी बात तो नहीं मानी जा सकती है लेकिन यह भी ध्यान रखना आवश्यक है कि शिवसेना ने अपने हर उस मूलभूत विचार से समझौता कर लिया है, जिसने कभी उसे आधार देने का काम किया था।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘PM मोदी की गारंटी पर देश को भरोसा, संविधान में बदलाव का कोई इरादा नहीं’: गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- ‘सेक्युलर’ शब्द हटाने...

अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने जीएसटी लागू की, 370 खत्म की, राममंदिर का उद्घाटन हुआ, ट्रिपल तलाक खत्म हुआ, वन रैंक वन पेंशन लागू की।

लोकसभा चुनाव 2024: पहले चरण में 60+ प्रतिशत मतदान, हिंसा के बीच सबसे अधिक 77.57% बंगाल में वोटिंग, 1625 प्रत्याशियों की किस्मत EVM में...

पहले चरण के मतदान में राज्यों के हिसाब से 102 सीटों पर शाम 7 बजे तक कुल 60.03% मतदान हुआ। इसमें उत्तर प्रदेश में 57.61 प्रतिशत, उत्तराखंड में 53.64 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe