जैसे ही कनफ़्यूज़न ख़त्म हुआ, पाक फाइटर जेट्स ने स्पाइसजेट को अपने एयरस्पेस से बाहर तक जाने का रास्ता दिया और तब तक उसके साथ रहे जब तक वह अफ़ग़ानिस्तान की सीमा में दाखिल नहीं हो गया। DGCA की तरफ़ से इस बात की पुष्टि की गई है।
बीयर खरीदने के कुछ ही दिन बाद उस इलाके में गाली-गलौच वाली अभद्र भाषा में एक पत्र मिला जिसमें एक चेतावनी के साथ लिखा था कि 'गैर-इस्लामिक' कामों में पड़ने का अंजाम बहुत बुरा होगा, जो भी ऐसा करेगा उसे भविष्य में इसे भुगतना भी पड़ेगा।
भारत द्वारा अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव चरम सीमा पर है। पाकिस्तानी सेना ने भी सीमा पार से घुसपैठ की कोशिशें तेज़ कर दीं हैं।
सुरक्षा परिषद के बाद अब मानवाधिकार परिषद में भी पाकिस्तान की किरकिरी हुई है। भारतीय विदेश मंत्रालय के सचिव विजय ठाकुर ने कहा कि दुनिया ख़ूब समझती है कि जो देश आतंकवाद का मुख्य केंद्र है, वह ग़लत नैरेटिव फैलाता रहता है।
शेखी बघारते हुए शेख रशीद ने एक सेमिनार में दावा किया कि वे हिंदुस्तान-पाकिस्तान के बीच युद्ध होता देख रहे हैं और अपनी कौम को तैयार करने (सेमिनार में ) आए हैं। उन्होंने धमकी भी दी कि पाकिस्तानी सेना के पास जो हथियार हैं, वे दिखाने के लिए नहीं, इस्तेमाल करने के लिए हैं।
अठावले का कहना है कि पाकिस्तान केवल गीदड़ भभकियाँ ही दे सकता है, लेकिन इस बार किसी भी बात को हल्के में नहीं लिया जाएगा और हर स्तर पर उसे जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान खुद को सुधार ले नहीं तो दुश्मनी उसे भारी पड़ेगी
"पाकिस्तान सरकार ने जिस तरह भारतीय सिनेमा पर रोक लगाने की बात कही है, उसी प्रकार हम भी फिल्म इंडस्ट्री से अनुरोध करते हैं वे भी पाकिस्तानी आर्टिस्ट, म्यूजीशियन और डिप्लोमेट पर रोक लगाएँ।"
भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना के आरोप का खंडन करते हुए कहा है कि इस प्रकार की प्रतिक्रियाएँ सिर्फ सैन्य ठिकानों और पाकिस्तानी सेना की मदद से आने वाले घुसपैठिए आतंकवादियों के खिलाफ इस्तेमाल की जाती हैं और पाकिस्तान द्वारा भारतीय सेना पर लगाए जा रहे क्लस्टर इस्तेमाल करने के आरोप बेबुनियाद हैं।
वायरल वीडियो के चलते ट्विटर पर इस समय सानिया मिर्जा और पाकिस्तानी एक्ट्रेस वीना मलिक एक-दूसरे को जवाब देने में लगी हुई हैं। यह बात तब शुरू हुई जब वीना मलिक ने सानिया मिर्जा, उनके पति शोएब और बेटे के साथ जंक फूड खाते हुए वायरल वीडियो पर कमेंट किया।
सब कुछ विश्लेषण करने के बाद अपनी ज़मीन वापस पाने के लिये 13 अप्रैल 1984 को बाकायदा ऑपरेशन मेघदूत चलाया गया जिसकी नायक थे लेफ्टिनेंट जनरल प्रेम नाथ हून और लेफ्टिनेंट कर्नल डी के खन्ना। तब से हमारी सेनाएँ सियाचिन की रखवाली कर रही हैं।