"पाकिस्तान जिस ज़मीन पर अवैध कब्ज़ा किए बैठा है, उस पर उसका खुद का ही नियंत्रण नहीं है; वो आतंकियों से कंट्रोल होती है। पीओके असल में एक आतंकियों द्वारा नियंत्रित देश या पाकिस्तान के भीतर का आतंकियों द्वारा नियंत्रित हिस्सा है।"
कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कहा, "हमें प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर पूरा भरोसा है। वह दिन दूर नहीं जब पीओके में भी तिरंगा (या निशान) फहराया जाएगा, वही निशान जिसके चलते श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपनी जान दी थी।"
POK में 22 अक्टूबर की तारीख को 'काला दिवस' (‘Black Day’) मनाया जाता है। उस ही तारीख को 1947 में पाकिस्तानी सेना ने महाराज हरी सिंह के जम्मू और कश्मीर राज्य पर हमला किया था।
मुजफ्फराबाद में एक दिन में पाक पुलिस का बर्बर चेहरा दूसरी बार सामने आया। पत्रकारों को न केवल पीटा गया, बल्कि उनके उपकरण भी तोड़ दिए गए। पत्रकारों ने जानबझूकर निशाना बनाने का आरोप लगाया है।
इसके पहले रविवार (20 अक्टूबर, 2019) को भारतीय सेना ने LOC के उस पार तंगधार और मेंढर सेक्टरों के आमने सामने स्थित 4 आतंकी लॉन्च पैडों को नेस्तनाबूद कर दिया था।
बीयर खरीदने के कुछ ही दिन बाद उस इलाके में गाली-गलौच वाली अभद्र भाषा में एक पत्र मिला जिसमें एक चेतावनी के साथ लिखा था कि 'गैर-इस्लामिक' कामों में पड़ने का अंजाम बहुत बुरा होगा, जो भी ऐसा करेगा उसे भविष्य में इसे भुगतना भी पड़ेगा।
मनीष तिवारी ने अपने एक ट्वीट में पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि अगर चीन कश्मीर पर सवाल करता है तो यह बताना चाहिए कि तिब्बत, साऊथ-चाइना सी और हॉन्ग-कॉन्ग पर भारत की नज़र है ।
आरिफ अजाकिया ने कहा, "इमरान ने सत्ता में आने के लिए अपनी पूरी साख को दाँव पर लगा दी। बाजवा इससे जो कहता है, ये करता है और जब ये बजवा के कहने चुपचाप पर चल रहा है तो फिर ये इसको क्यूँ हटाएँगे? उन्होंने कहा कि बाजवा जब इसे भीख माँगने के लिए भेजता है तो ये कभी सऊदी चला जाता है, तो कभी कहीं और। बाजवा ने कश्मीर पर हल्ला मचाने के लिए कहा तो कर दिया। खुद बाजवा, जिसने 70 साल तक इस कौम को कश्मीर के नाम पर लूटा, वो चुप है।"
पाकिस्तान ने हिन्दुओं की आस्था का एक बार फिर से अपमान किया है। पाकिस्तान की सरकार ने एक हिन्दू दम्पति को PoK स्थित माँ शारदा पीठ के दर्शन के लिए अनुमति तो दे दी लेकिन मन्दिर में जाने से रोक दिया। उन्हें मन्दिर के पास की नदी में ही पूजा-अर्चना कर लौटना पड़ा।
भूकंप के कारण पाकिस्तान के इस्लामाबाद, रावलपिंडी, मुर्री, झेलम, चारसद्दा, स्वात, खैबर, एबटाबाद, बाजौर, नौशेरा, मनसेहरा, बत्तग्राम, तोगर और कोहितान में तेज झटके महसूस किए गए।