Sunday, April 28, 2024

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Ravish Kumar

भाजपाइयों, कॉन्ग्रेसियों या दलितों-ब्राह्मणों का नहीं… यह गुस्सा राष्ट्रवादियों का है

भीड़ के इस गुस्से को यदि आप समझ नहीं पा रहे तो इंशा अल्लाह आपको प्रत्यक्ष रूप से कश्मीर में आजादी का नारा बुलंद करना चाहिए।

लप्रेकी रवीश कुमार! घर लौट आओ, तुम्हें कोई कुछ नहीं कहेगा

जिस तरह तमाम माया-मोह को त्यागकर अर्जुन ने गाण्डीव उठाया था, आप क़लम उठाइये, आप शब्दों के जादूगर हैं। राजनीति नहीं, बस अपने हिस्से की पत्रकारिता शुरू कर दीजिए, TV पर सच सुनने और मीडिया में सच पढ़ने के इच्छुक व्यक्ति की ये बहुत बड़ी जीत होगी।

इतनी नेगेटिविटी कहाँ से ले आते हैं रवीश कुमार?

ईसा के 500 वर्ष पूर्व बुद्ध एक दिन अचानक प्रोपेगंडा नगरी NDTV पहुंच गए। कमरों, गलियारों और कूचों से निकलते हुए वो रवीश जी के ऑफिस में पहुंचे और उनसे पूछा, 'मैं तो ठहर गया, तुम कब ठहरोगे?'

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