बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमिन का कहना है कि शरणार्थियों को आने देने पर संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार समूहों के कहने के बावजूद बांग्लादेश अपने दक्षिण-पूर्वी तट पर समुद्र में फँसे सैकड़ों रोहिंग्याओं को आने-जाने की अनुमति नहीं देगा।
रोहिंग्या तबलीगी जमात के ‘इज्तेमास’ और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लिए, मरकज में गए। लेकिन उनमें से कई अपने निर्धारित शिविरों में लौटे नहीं, वहाँ से लापता हैं। सभी राज्यों के पुलिस प्रमुखों को...
तबलीगी जमात के मजहबी कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर इनमें से कई रोहिंग्या अभी तक अपने कैंप में नहीं लौटे हैं। ये कैंप तेलांगना, पंजाब, दिल्ली और जम्मू में हैं। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को इनकी कांटेक्ट ट्रेसिंग का आदेश जारी किया है।