Saturday, July 27, 2024
Homeराजनीतिलोहरदगा में छिपे हैं रोहिंग्या: खुलासा करने वाले DSP का कॉन्ग्रेस-जेएमएम सरकार ने किया...

लोहरदगा में छिपे हैं रोहिंग्या: खुलासा करने वाले DSP का कॉन्ग्रेस-जेएमएम सरकार ने किया तबादला

रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में अवैध रूप से छिपकर रह रहे म्यांमार के रोहिंग्याओं की झारखंड के भी कई हिस्सों में उपस्थिति और सक्रियता के प्रमाण मिले हैं। धनबाद से तीन रोहिंग्या पकड़े भी गए थे।

पिछले दिनों झारखंड के लोहरदगा में रोहिंग्या और बांग्लादेशियों के छिपी होने की बात सामने आई थी। इस संबंध में रिपोर्ट देने वाले विशेष शाखा (खुफिया विभाग) के डीएसपी जितेंद्र कुमार का तबादला कर दिया गया है। उनकी जगह इमदाद अंसारी लेंगे। उन्हें लातेहार से यहॉं भेजा गया है।

जितेंद्र, इमदाद सहित कुल चार डीएसपी का तबादला हुआ है। लेकिन, जितेंद्र कुमार को पलामू भेजे जाने के पीछे राजनीतिक वजहें बताई जा रही है। दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर के अनुसार उन्होंने एडीजी (विशेष शाखा) को सौंपी रिपोर्ट में लोहरदगा के विभिन्न इलाकों के 13 लोगों पर रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया था। इस रिपोर्ट से पूरे प्रदेश में हलचल मची थी।

लोहरदगा की एड-हॉक अंजुमन इस्लामिया ने राज्य के डीजीपी को पत्र लिखकर इस रिपोर्ट पर सवाल उठाए थे। 11 अप्रैल को लिखे पत्र में रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कार्रवाई की मॉंग की गई थी। अंजुमन इस्लामिया के कंवेनर हाजी शकील अहमद की तरफ से लिखे पत्र में कहा गया था कि आजादी के बाद से ही लोहरदगा जिला में बांग्लादेश, पाकिस्तान या रोहिंग्याओं का कोई वजूद नहीं है। विशेष शाखा की रिपोर्ट में जिस स्थान का जिक्र है, वहाँ भी ऐसे नागरिक नहीं हैं। रिपार्ट में जिन व्यक्तियों को संरक्षक बताया गया है, वे समाज के प्रतिष्ठित लोग हैं। एक साजिश के तहत उन्हें बदनाम करने की कोशिश की गई है।

एड-हॉक अंजुमन इस्लामिया की ओर से डीजीपी से की गई शिकायत

पत्र में दैनिक जागरण में 11 अप्रैल को प्रकाशित एक रिपोर्ट का भी हवाला दिया गया है। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में अवैध रूप से छिपकर रह रहे म्यांमार के रोहिंग्याओं की झारखंड के भी कई हिस्सों में उपस्थिति और सक्रियता के प्रमाण मिले हैं। पिछले दिनों तबलीगी जमात की तलाश में हुई छापेमारी के दौरान धनबाद के बैंक मोड़ इलाके से तीन रोहिंग्याओं को भी पकड़ा गया था, वहीं लोहरदगा में भी कई रोहिंग्या के छिपकर रहने की खबर मिली थी।

इसके साथ ही लोहरदगा के ऐसे 13 लोगों का नाम व पता के सामने आने का भी जिक्र किया गया है, जिनके ऊपर रोहिंग्या व बांग्लादेशी घुसपैठियों को छिपाने का आरोप है। लोहरदगा के जिन मुहल्लों में बांग्लादेशी व रोहिंग्याओं के रहने की सूचना पुलिस तक पहुँची है, उनमें ईदगाह मुहल्ला, राहत नगर, इस्लाम नगर, जूरिया, सेन्हा के चितरी, कुड़ू के जीमा व बगडु के हिसरी आदि गाँव के नाम शामिल हैं। 

11 अप्रैल 2020 को दैनिक जागरण के लोहरदगा संस्करण में प्रकाशित खबर जिसका जिक्र इस्लामिया के पत्र में है

गौरतलब है कि झारखंड में जब से कॉन्ग्रेस-झामुमो गठबंधन की सरकार बनी है उस पर राज्य में तुष्टिकरण के आरोप लग रहे हैं। लोहरदगा में ही इस साल 23 जनवरी को सीएए के समर्थन में निकाले गए जुलूस पर कट्टरपंथियों द्वारा हमला किया गया था। जिसमें नीरज प्रजापति की मौत हो गई थी। नीरज प्रजापति के सर पर लोहे की रॉड से हमला किया गया था। सीएए के समर्थन में रैली निकाल रहे लोगों पर पूर्व-नियोजित तरीके हमला किया गया था। कट्टरपंथियों ने अपने घरों की छतों से ईंट-पत्थर फेंककर हमला किया था।

नीरज प्रजापति की पत्नी ने सीएम हेमंत सोरेन से मदद की गुहार लगाई थी, लेकिन व्यस्त सीएम ने उन्हें मुआवजे का कोई आश्वासन नहीं दिया और प्रशासन ने नीरज की शव यात्रा में सिर्फ 35 लोग को जाने की अनुमति दी थी। साथ ही शमशान जाने के रास्ते को भी बदल दिया था, क्योंकि रास्ते में एक मस्जिद थी।  

सरकार ने मुआवजा देने से इनकार कर दिया तो ऑपइंडिया के प्रयासों के बाद जनता ने अब तक लगभग 32.5 लाख रुपए का सहयोग किया है। इसमें से 11.4 लाख रुपए क्राउडकैश के जरिए जुटाए गए, जबकि बाकी धनराशि लोगों ने दिवंगत नीरज की पत्नी के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया।

मलेशिया जा रहे 28 रोहिंग्‍या की भूख से मौत

बांग्लादेश छोड़ मलेशिया जा रहे कम से कम 28 रोहिंग्‍याओं की समुद्र में भूख से तड़प-तड़प कर मौत हो गई। बांग्‍लादेश के कोस्‍ट गार्ड ने बताया कि रोहिंग्‍याओं का जहाज मलेशिया नहीं पहुँच पाया। इसकी वजह से ये लोग कई हफ्ते तक समुद्र में भटकते रहे। उन्‍होंने बताया कि 396 लोगों को बचा लिया गया है। इसमें से बड़ी संख्‍या में ऐसे लोग थे, जिन्‍हें कई हफ्तों से खाना नहीं मिला था।

जानकारी के मुताबिक 400 से अधिक रोहिंग्याओं ने जनवरी में मलेशिया के लिए समुद्र के रास्ते यात्रा शुरू की थी, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर प्रतिबंधों के कारण मलेशिया द्वारा प्रवेश से इनकार करने के बाद वे समुद्र में फँसे थे। सभी रोहिंग्या बांग्लादेश में कॉक्स बाजार, चटगाँव में स्थित उखिया-टेकनाफ शरणार्थी शिविरों के थे। कोस्‍टगार्ड ने बताया कि कुल 396 लोगों को बचाया गया है। बताया जा रहा है कि बचाए गए लोगों में ज्‍यादातर महिलाएँ और बच्‍चे हैं। इनमें से कई लोगों की हालत इतनी खराब हो गई थी कि उनकी सिर्फ हड्ड‍ियाँ दिखाई दे रही थीं। कई ऐसे भी थे जो खड़े नहीं हो पा रहे थे। 

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?’: राजस्थान विधानसभा में कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति और अधिकारियों को दी गाली,...

राजस्थान कॉन्ग्रेस के नेता शांति धारीवाल ने विधानसभा में गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी।

अग्निवीरों को पुलिस एवं अन्य सेवाओं की भर्ती में देंगे आरक्षण: CM योगी ने की घोषणा, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ सरकारों ने भी रिजर्वेशन...

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी और एमपी एवं छत्तीसगढ़ की सरकार ने अग्निवीरों को राज्य पुलिस भर्ती में आरक्षण देने की घोषणा की है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -